जिले में 23 जून को 504 बच्चों को परीक्षा देनी थी, लेकिन उस दिन केवल 287 बच्चों ने दोबारा परीक्षा दी थी। जिले में केंद्रीय विद्यालय और डीएवी पुलिस पब्लिक स्कूल में केंद्र बनाए गए थे। पिछली बार हुई परीक्षा में अंजलि ने ग्रेस मार्क्स के साथ 720 अंक पाए थे। दोबारा परीक्षा देने पर उसे 677 अंक मिले हैं। इसी प्रकार से पिछली बार ग्रेस मार्क्स के साथ 720 अंक पाने वाले कृष को इस बार 637 अंक मिले हैं। पिछली बार बिना ग्रेस मार्क्स के कृष के 642 अंक बने थे। इस बार एक प्रश्न गलत होने के कारण उसके पांच अंक कम आए हैं।
शिक्षक और अभिभावक बोले- अब एम्स या पीजीआई नहीं मिलेगा
शिक्षक और अभिभावकों का कहना है कि पहले जिन बच्चों के 720 नंबर आए थे, उनको उस समय एम्स में दाखिला मिल जाता, लेकिन अब एम्स में दाखिला नहीं मिलेगा। यहां तक कि कुछ बच्चों को पीजीआई में दाखिला नहीं मिलेगा। आसपास के जिलों के मेडिकल कॉलेज में दाखिला जरूर मिल जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार
बच्चे, अभिभावक फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई को लेकर भी इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना है कि अभी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना बाकी है। इसके बाद ही अभिभावक अगला कदम उठाएंगे। जरूरत पड़ी तो कुछ बच्चे दोबारा तैयारी कर परीक्षा भी दे सकते हैं।
यह था मामला
नीट की तरफ से 5 मई को बहादुरगढ़ के तीन केंद्रों पर परीक्षा ली गई थी। उस समय कुछ केंद्रों पर दो प्रश्न पत्र बांट दिए गए थे। बाद में एक प्रश्न पत्र विद्यार्थियों को करने के लिए कहा गया था। इसके चलते उनका समय खराब हुआ। इसकी शिकायत अभिभावकों ने एनटीए से की। जब एनटीए ने परीक्षा परिणाम जारी किया तो उसमें झज्जर जिले के चार बच्चों के 720 में से 720 अंक आए। इसके अलावा दो चार छात्र भी टॉप रैंकिंग में आ गए थे।