वर्तमान रबी विपणन सत्र 2021-22 के समापन के बाद 433.32 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है. यह अपने आप में रिकॉर्ड है. पिछले साल यानी 2020-21 में 389.92 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई थी. केंद्र सरकार ने बताया कि इस साल 49.15 लाख किसानों को गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिला है. इन किसानों को रिकॉर्ड 85,581.39 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. वो भी सीधे उनके बैंक अकाउंट में.
वर्तमान खरीफ 2020-21 में धान की खरीद इसकी बिक्री वाले राज्यों में सुचारू रूप से जारी है. 25 जुलाई तक 869.80 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद हो चुकी है जो अपने आप में रिकॉर्ड है. इसमें खरीफ फसल का 707.69 लाख मीट्रिक टन और रबी फसल का 162.11 लाख मीट्रिक टन धान शामिल है. जबकि पिछले वर्ष की इसी समान अवधि में 759.24 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया था.
किसानों को कितना पैसा मिला
मौजूदा खरीफ मार्केटिंग सीजन में लगभग 128.38 लाख किसानों को एमएसपी मूल्य पर 1,64,217.43 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. धान की खरीद भी उच्च स्तर पर पहुंच गई है और इसने 2019-20 के पिछले उच्च स्तर 773.45 लाख मीट्रिक टन के आंकड़े को पार कर लिया है.
दलहन, तिलहन की कितनी खरीद
प्रदेशों से मिले प्रस्ताव के आधार पर तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से खरीफ मार्केटिंग सीजन 2020-21 एवं रबी मार्केटिंग सीजन 2021 तथा ग्रीष्म सत्र 2021 के लिए मूल्य समर्थन योजना के तहत 108.42 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद को भी मंजूरी प्रदान की गई थी.
आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल से 1.74 लाख मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) खरीदने के लिए भी स्वीकृति दी गई थी. यदि संबंधित अवधि के दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बाजार की दरें एमएसपी से नीचे चली जाती हैं, तो राज्य की नामित खरीद एजेंसियों के माध्यम से केंद्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा इन राज्यों को मूल्य समर्थन योजना के तहत दलहन, तिलहन और खोपरा फसल की खरीद के प्रस्तावों की प्राप्ति पर भी मंजूरी दी जाएगी. ताकि रजिस्टर्ड किसानों से वर्ष 2020-21 के लिए अधिसूचित किए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सीधे इन फसलों के एफएक्यू ग्रेड की खरीद की जा सके.
अन्य फसलों की खरीद
खरीफ 2020-21 और रबी 2021 तथा ग्रीष्म सत्र 2021 के तहत सरकार द्वारा अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से 25 जुलाई तक 10,49,575.80 मीट्रिक टन मूंग, उड़द, अरहर, चना, मसूर, मूंगफली की फली, सूरजमुखी के बीज, सरसों के बीज और सोयाबीन की खरीद एमएसपी मूल्यों पर की गई है. इस खरीद से तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा, ओडिशा और राजस्थान के 6,38,366 किसानों को 5,662.82 करोड़ रुपये की आय हुई है. इसमें 63825 मीट्रिक टन ग्रीष्मकालीन मूंग भी शामिल है, जिसकी खरीद मध्य प्रदेश में मूल्य स्थिरीकरण निधि योजना के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर जारी है.
खोपरा पर 52.40 करोड़ की एमएसपी
इसी तरह से, फसल सत्र 2020-21 के दौरान 5,089 मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों से की गई है. इसके लिए 3,961 किसानों को लाभान्वित करते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 52 करोड़ 40 लाख रुपये की अदायगी की गई है. विपणन सत्र 2021-22 के लिए तमिलनाडु से 51000 मीट्रिक टन खोपरा खरीदने की मंजूरी दी जा चुकी है. इसके लिए राज्य सरकार द्वारा निर्धारित तिथि से खरीद कार्य शुरू कर दिया जाएगा.