हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा ने मिशन-2024 यानी आगामी लोकसभा चुनावों के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। फरवरी में चुनावों का ऐलान होने के आसार हैं। इसे ध्यान में रखते हुए भाजपा ने अभी से लोकसभा चुनावों के लिए संभावित चेहरों की तलाश शुरू कर दी है। भाजपा संगठन जहां अपने स्तर पर पैनल बना रहा है वहीं सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) के अधिकारियों को भी फील्ड में फीडबैक जुटाने के लिए दौड़ाया हुआ है।
केवल भाजपा संगठन और मुख्यमंत्री की सिफारिश से ही टिकट मिल पाएगी, ऐसा नहीं है। भाजपा की टिकट हासिल करने के लिए नेताओं को छह पड़ाव पार करने होंगे। इसके बाद ही टिकट कंफर्म हो पाएगी। मौजूदा 9 सांसदों में से तीन से चार को फिर से टिकट मिलने के आसार हैं। बाकी की टिकट पर ‘तलवार’ लटकी हुई है। हरियाणा में लोकसभा की 10 सीट हैं। अम्बाला से सांसद रहे रतनलाल कटारिया के निधन के बाद ये यह सीट खाली है। यहां उपचुनाव होने के भी दूर-दूर तक आसार नहीं हैं।
चुनाव की घोषणा का इंतजार नहीं
भाजपा के सूत्रों की मानें तो लोकसभा चुनावों को लेकर काम शुरू हो चुका है। भाजपा चुनावों की घोषणा होने का इंतजार नहीं कर रही है। अलबत्ता उससे पहले ही ग्राउंड पर काम शुरू कर दिया है ताकि समय रहते मतबूत और जिताऊ उम्मीदवारों का चयन किया जा सके। भाजपा से जुड़े वरिष्ठ नेताओं का यह भी कहना है कि पार्टी इस बार पहले से अधिक युवाओं को मौका देने के मूड में है। संघ की नीति है कि औसत आयु कम हो ताकि युवा संसद रहे। यह भी बड़ा कारण रहेगा कि दिग्गज नेताओं की बजाय नये चेहरों को मौका मिले।
प्रदेश कार्यकारिणी द्वारा लोकसभा के लिए संभावित चेहरों के लिए सभी जिलों से रिपोर्ट ली जाएगी। पार्टी के हरियाणा मामलों के प्रभारी बिप्लब कुमार देब इस पर काम शुरू कर चुके हैं। पूरी रिपोर्ट के बाद प्रदेश भाजपा के स्तर पर पैनल बनाया जाएगा। वहीं दूसरी ओर, संघ द्वारा अपने स्तर पर काम किया जा रहा है। भाजपा का पैनल जहां ओपन होगा वहीं संघ की रिपोर्ट बंद लिफाफे में जाएगी। संघ मौजूदा सांसदों को लेकर भी रिपोर्ट जुटा रहा है और नये चेहरों पर भी काम कर रहा है। पार्टी और संघ से इतर मुख्यमंत्री की भी रिपोर्ट जाएगी। मुख्यमंत्री की सिफारिश काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। यानी टिकट के दावेदारों को लेकर मुख्यमंत्री की सिफारिश और आपत्ति का अपना महत्व होगा। सीआईडी द्वारा भी सर्वे करवाया जाएगा। सीआईडी की रिपोर्ट सीएम के पास भी होगी और इसे केंद्र के पास भी भेजा जाएगा। सीआईडी के इनपुट से अलग आईबी भी अपना सर्वे करके संभावित चेहरों को लेकर रिपोर्ट देगी। सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी अपने स्तर पर सर्वे करवाएंगे।
खबरें इस तरह की हैं कि दो एजेंसियों को यह काम सौंपा जा चुका है। शाह की सर्वे रिपोर्ट भी कम महत्वपूर्ण नहीं होने वाली। इन तमाम रिपोर्ट के बाद सबसे महत्वपूर्ण होगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आंतरिक रिपोर्ट। बेहद भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि मोदी के विश्वस्त लोगों की टीम फील्ड का दौरा करके अपनी रिपोर्ट तैयार करती है। यह टीम कब और किस संसदीय क्षेत्र में जाती है, इसकी भनक दूर-दूर तक किसी को नहीं होती। माना जा रहा है कि यह टीम सभी घटनाक्रमों पर समानांतर निगाह रखती है।
मुख्यमंत्री करवा रहे सर्वे
मुख्यमंत्री की ओर से सीएमओ के अधिकारियों को लोकसभा क्षेत्रवार भेजा जा रहा है। हालांकि अाधिकारिक तौर पर यह कहा गया है कि इन अधिकारियों की ड्यूटी केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का फीडबैक लेने के लिए लगाई है। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि ये अधिकारी मौजूदा सांसदों का ‘रिपोर्ट कार्ड’ भी बना रहे हैं और संबंधित एरिया को लेकर पूरी जानकारी जुटा रहे हैं। इनमें क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों के अलावा नाराज़गी के कारणों का भी पता लगाया जा रहा है।