आज पुरे भारत में वीर सेनानियों को श्रदांजलि देते हुए कारगिल विजय दिवस की 22वी सालगिरह मनाई जा रही है।

Parmod Kumar

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भारत हर साल 26 जुलाई को ‘करगिल विजय दिवस’ मनाता है। इस दिन 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना ने जीत हासिल की थी। भारत को मिली जीत के 22 साल पूरे होने की खुशी में देशभर में जश्न की शुरुआत हो चुकी है। रविवार को तोलोलिंग, टाइगर हिल और दूसरी बड़ी लड़ाईयों को याद किया गया और इसी के साथ लद्दाख में द्रास क्षेत्र में करगिल युद्ध स्मारक पर 559 दीपक जलाए गए। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस मौके पर तिलहटी में स्थित स्मारक पर श्रद्धांजलि देने के लिए जाएंगे और पीएम मोदी इस दिन हर साल इंडिया गेट पर मौजूद अमर जवान ज्योति पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं।

60 दिनों तक चले इस युद्ध में शहीद हुए भारत के सैनिकों को ‘करगिल विजय दिवस’ में याद किया जाता है। युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सैन्य टुकड़ियों को इस इलाके से हटा दिया था और अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया था।

Kargil Vijay Diwas

‘करगिल विजय दिवस’ के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तोलोलिंग की तिलहटी में स्थित स्मारक पर श्रद्धांजलि देने के लिए जाएंगे।  एजेंसियों ने कहा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत भी क’रगिल विजय दिवस’ समारोह में भाग लेंगे।

‘करगिल विजय दिवस’ कारगिल युद्ध  में शहीद हुए नायकों के सम्मान में मनाया जाता है, जो मातृ भूमि की सेवा करते हुए शहीद हो गए थे। हर साल इस दिन, प्रधान मंत्री दिल्ली में इंडिया गेट पर ‘अनन्त लौ’, अमर जवान ज्योति पर सशस्त्र बलों को श्रद्धांजलि देते हैं। भारतीय सेना के योगदान को याद करने के लिए करगिल सेक्टर और देश भर में अन्य जगहों पर भी समारोह आयोजित किए जाते हैं।

Kargil Vijay Diwas

तोलोलिंग, टाइगर हिल और दूसरी बड़ी लड़ाईयों को रविवार को याद किया गया और शहीदों को श्रद्धांजलि में लद्दाख के द्रास क्षेत्र में कारगिल युद्ध स्मारक पर 559 दीपक जलाए गए। 22वें करगिल विजय दिवस समारोह की शुरुआत के अवसर पर शीर्ष सैन्य अधिकारी, सेना के जवानों के परिवार के सदस्य और अन्य लोग मौजूद थे।