दिल्ली की सीमा पर साल भर चलने वाले किसानों आंदोलन को 26 नवंबर 2021 को एक साल पूरे हो गए. विरोध करने वाली किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेतृत्व में आज (शनिवार 27 नवंबर) दिल्ली की सीमाओं पर बैठक की जाएगी, जिसमें किसान आंदोलन के भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की जाएगी. भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत और स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव के अनुसार पूरे आंदोलन की कार्रवाई को लेकर शनिवार 27 नवंबर को चर्चा होगी. बीकेयू और एसकेएम की छत्रछाया में पिछले साल नवंबर से गाजीपुर सीमा पर किसान आंदोलन किया जा रहा है.
किसान संघ के प्रवक्ता सौरभ उपाध्याय ने शुक्रवार (26 नवंबर) को पीटीआई न्यूज एजेंसी से कहा, ‘शनिवार को हमारी एसकेएम की बैठक है और उसके बाद ही आगे की रणनीति तय की जाएगी. हमने 29 नवंबर को दिल्ली की ओर एक मार्च की योजना बनाई है, लेकिन एसकेएम शनिवार को इस बारे में फैसला करेगा.’पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हजारों किसान कल बड़ी संख्या में सिंघू, गाजीपुर और टिकरी के तीन दिल्ली सीमा बिंदुओं पर जमा हुए थे. तीन कृषि कानूनों का विरोध करने वाले यूनियनों ने कहा कि ये दिन किसान आंदोलन के एक साल पूरा होने का प्रतीक है.कानून, इतिहास में हमेशा के लिए लोगों के संघर्ष के महानतम क्षणों में से एक के रूप में याद किया जाएगा.
हम लड़ेंगे और जीतेंगे-राकेश टिकैत
किसान नेता राकेश टिकैत ने ट्वीट कर लिखा कि किसानों के विरोध का यह एक साल समर्पण, लड़ाई और प्रतिबद्धता के पूरे एक साल का भी प्रतीक है. राकेश टिकैत ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘यह सुख और दुख के साथ मिश्रित संघर्ष का वर्ष रहा है. हम लड़ रहे हैं और जीत रहे हैं. हम लड़ेंगे और जीतेंगे. एमएसपी कानून किसानों का अधिकार है.’
सरकार पेश करेगी कृषि कानून निरसन विधेयक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के संबोधन में घोषणा की थी कि तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस ले लिया जाएगा. हालांकि किसान संघों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया था, उन्होंने कहा कि उनका विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक कि कानून पूरी तरह से वापस नहीं ले लिया जाता और अन्य मांगें पूरी नहीं हो जातीं. बता दें कि 29 नवंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र के पहले दिन केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार कृषि कानून निरसन विधेयक, 2021 पेश करेगी.
कृषि कानून निरसन विधेयक, 2021 – तीन विवादास्पद कानूनों को वापस लेने के लिए सभी महत्वपूर्ण मसौदा कानून – को पहले ही केंद्रीय कैबिनेट द्वारा अनुमोदित किया जा चुका है.इस बीच, विपक्ष भी कृषि मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए सदन में विधेयक पर चर्चा करने पर अड़ा हुआ है.वहीं विपक्ष ने सत्र शुरू होने से कुछ घंटे पहले एक बैठक आयोजित करने की भी योजना बनाई है.