किसान आंदोलन के चलते बंद सड़क को खोलने की मांग वाली याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगी. नोएडा के एक निवासी ने अदालत में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की थी. जिसके जवाब में यूपी और हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया था. जनहित याचिका पर कोर्ट सोमवार को यानी आज सुनवाई करेगी.
यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में रविवार को एक हलफनामा दाखिल किया, जिसमे कहा गया, ‘सरकार अदालत के आदेशों के तहत सड़कों को जाम करने पर किसानों को समझाने का प्रयास कर रही है. उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा किसान प्रदर्शनकारियों में अधिकतर बड़ी उम्र के और बूढ़े किसान शामिल हैं.
यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी एक नोटिस के जवाब में हलफनामा दायर किया. सरकार ने हलफनामे में कहा गाजियाबाद, यूपी और दिल्ली के बीच महाराजपुर और हिंडन सड़कों के माध्यम से गाड़ियों की सुचारू आवाजाही की इजाजत देने के लिए डायवर्सन बनाया गया है. हलफनामे में कहा गया कि एनएच-24 अभी भी ब्लॉक है. जनवरी, मार्च और फिर अप्रैल में भी किसान प्रदर्शनकारियों ने एनएच-24 को बार-बार ब्लॉक किया है.
किसानों को समझाने का प्रयास कर रही सरकार
योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने हलफनामे में कोर्ट को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार विरोध कर रहे किसानों को समझाने का प्रयास कर रही है. यूपी सरकार ने ट्रैफिक की सुचारू आवाजाही के लिए बनाए गए मार्गों के डायवर्जन की जानकारी भी कोर्ट को दी. यूपी सरकार के हलफनामे के मुताबिक, गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) में राज्य सरकार के अधिकारियों ने किसान संघों को चिल्ला बॉर्डर से आंदोलन खत्म करने के लिए मना लिया. इसके बाद ट्रेफिक की आवाजाही को बहाल किया गया.
सुगम यातायात सुनिश्चित करने के लिए ‘ब्लॉक्ड’ एनएच-24/9 (दिल्ली-गाजियाबाद) से ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया गया है. यूपी सरकार ने यह भी कहा कि राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शन कर रहे किसानों से संपर्क किया है और ‘सार्वजनिक सड़कों को ब्लॉक न करने को लेकर उन्हें समझने के प्रयास किए हैं, क्योंकि लोगों को सड़कों के ब्लॉक हो जाने से कई गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
26 जनवरी को भड़क गई थी हिंसा
किसानों ने अगस्त 2020 में पंजाब और हरियाणा सहित कई राज्यों में केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. यह विरोध 26 जनवरी 2021 को तब हिंसक हो गया, जब पैदल और ट्रैक्टरों में सवार किसानों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए और लाल किले एंट्री मारी. इतना ही नहीं, इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज के बगल में अपना झंडा फहराया.
उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सरकारों ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्होंने तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों द्वारा ब्लॉक किए गए हाईवे को आंशिक रूप से खोल दिया है. सरकार ने बताया कि प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत के बाद राजमार्गों को खोल दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में दोनों सरकारों ने दावा किया कि हाईवे पर ट्रैफिक इसलिए ज्यादा था, क्योंकि दिल्ली पुलिस ने राजधानी की ओर जाने वाली सड़कों को ब्लॉक कर दिया था ताकि किसान प्रदर्शनकारी राजधानी में एंट्री न कर सकें.
 
  
 

















































