भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको) ने WOW गो ग्रीन के सहयोग से गांवों से नए उद्यमी बनाने के लिए कृषि में ड्रोन के उपयोग पर दस दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया. प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों के प्रगतिशील किसानों, उद्यमियों, एफपीओ, सहकारी समितियों आदि सहित कुल 36 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. यह प्रशिक्षण देश में अपनी तरह का अनूठा और किसानों के लिए पहली बार था. प्रशिक्षण की शुरुआत में पहले प्रतिभागियों ने छोटे ड्रोन को उड़ाना सीखा. इसके बाद धीरे धीरे उन्हें बढ़ते क्रम में ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण दिया गया. फिर अंततः सभी प्रतिभागियों ने कृषि ड्रोन को उड़ाया. कार्यक्रम में आए प्रतिभागियों ने कभी ड्रोन का छुआ तक नहीं था पर ट्रेनिग मिलने के बाद कृषि ड्रोन को सफलतापूर्वक उड़ाया. कृषि-ड्रोन के उपयोग से सफलतापूर्वक प्रशिक्षित प्रतिभागियों को “ग्रीन पायलट” कहा जाता है.
तकनीक के उपयोग को नया रास्ता प्रदान करेगा प्रशिक्षण
कार्यक्रम का उद्घाटन इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. यूएस अवस्थी ने किया और कहा कि कृषि में ड्रोन का उपयोग आधुनिक सटीक खेती के लिए एक कदम आगे है. यह न केवल किसानों को लागत कम करेगा बल्कि फसलों के उत्पादन और गुणवत्ता को बढ़ाने में भी मदद करेगा. यह गांवों के उद्यमियों को भी तैयार करेगा इस प्रकार ड्रोन तकनीक में प्रशिक्षण किसानों के लिए अत्यधिक फायदेमंद होगा. इफको के मार्केटिंग डायरेक्टर योगेंद्र ने कहा कि कार्यक्रम कृषि में नई तकनीकों के उपयोग के लिए एक नया रास्ता प्रदान करेगा.
ड्रोन के इस्तेमाल पर नीति लाने की योजना बना रही सरकार
सरकार कृषि ड्रोन के उपयोग पर एक नीति लाने की योजना बना रही है, यह सबसे महत्वपूर्ण है कि किसानों को इस तकनीक के उपयोग में प्रशिक्षित किया जाए ताकि आधिकारिक रूप से घोषित होते ही इस तकनीक को स्वीकार कर लिया जाए. एग्री-ड्रोन की 15 मिनट की उड़ान 2.5 एकड़ के क्षेत्र में उर्वरक का छिड़काव कर सकती है. यह किसानों को आधुनिक कृषि प्रौद्योगिकियों में प्रशिक्षित करके और 2025 तक आय को दोगुना करने में उनकी मदद करके माननीय प्रधान मंत्री के आत्मानबीर कृषि और आत्मानिर्भर भारत के दृष्टिकोण की ओर इफको का कदम है. यह इफको का आधुनिक कृषि पद्धतियों की दिशा में एक अग्रणी कदम है जो भारत को आगे ले जाएगा.
प्रशिक्षण के दौरान दी गई यह जानकारी
इस दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को व्यापक कक्षा कक्ष के साथ-साथ ड्रोन संचालन, रखरखाव और कृषि में इसके उपयोग पर व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया. प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान यह विषय शामिल किए गए थे.
1. ड्रोन का परिचय, इतिहास, प्रकार, अनुप्रयोग और भविष्य की संभावनाएं.
2. डीजीसीए, नागरिक उड्डयन का विनियमन
3. उड़ानों का मूल सिद्धांत
4. हवाई क्षेत्र की संरचना और बिना ड्रोन क्षेत्रों के ज्ञान के साथ हवाई क्षेत्र प्रतिबंध
5. उड़ान योजना
6. टकराव से बचाव रेडियो टेलीफोनी (आरटी) तकनीक मानक रेडियो शब्दावली,
7. पेलोड स्थापना, और उपयोग आदि.
8. इलेक्ट्रॉनिक गति नियंत्रक, उड़ान नियंत्रक
9. ड्रोन आदि का संचालन और अनुप्रयोग.
अवर सचिव ने की कार्यक्रम की सराहना
भारत सरकार, कृषि मंत्रालय (उर्वरक विभाग) के अवर सचिव सचिन कुमार ने एफएमडीआई की अपनी यात्रा के दौरान ग्रीन पायलटों को संबोधित करते हुए इफको के प्रशिक्षण कार्यक्रम की जमकर तारीफ और सराहना की. संयुक्त प्रबंध निदेशक राकेश कपूर ने इफको ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन सत्र के दौरान अपने संबोधन में कहा कि उद्यमियों के लिए इफको और वाह द्वारा तैयार किया गया बिजनेस मॉडल एक साध्य मॉडल है और इसमें सफलता की काफी संभावनाएं हैं. इफको का एफएमडीआई कृषि के विभिन्न पहलुओं में हजारों किसानों और खेती के प्रति उत्साही लोगों को प्रशिक्षित करता है. यह सैकड़ों से अधिक प्रशिक्षुओं के लिए आवासीय सुविधाओं के साथ सर्वश्रेष्ठ किसान प्रशिक्षण संस्थान में से एक है. इफको और आईसीएआर जैसे अन्य प्रमुख संस्थानों के विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों द्वारा इसका नियमित रूप से दौरा किया जाता है.