उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पीडब्ल्यूडी विभाग में किये गये 59 तबादलों को रद्द होंगे। इन तबादलों को लेकर आरोप था कि ये सभी ट्रांसफर स्थानांतरण नीति के खिलाफ किये गये थे। इसमें 10 सालों से एक जगह पर जमे इंजीनियरों को छोड़ दिया गया था, जबकि कुछ महीने पहले ही तैनाती पाए इंजीनियरों का तबादला किया गया था। योगी सरकार के इस फैसले के बाद माना जा रहा है कि कई और अधिकारियों पर गाज गिरना तय है। तबादलों की लिस्ट में ग्रुप क और ख के अधिकारियों के तबादले हुए थे। जिसपर सीएम योगी ने जांच कमेटी बनाई थी। ऐसे में अब 59 इंजीनियरों के तबादले रद्द होंगे। बता दें कि मुख्यमंत्री द्वारा बनाई गई जांच कमेटी में सामने आया है कि अधिशासी अभियंता या उससे ऊपर के स्तर के 26 ऐसे अधिकारी तबादलों की लिस्ट में हैं जोकि 3 साल से अधिक समय से एक ही जगह मौजूद हैं, लेकिन उनका स्थानांतरण नहीं किया गया। वहीं ऐसा करने के पीछे कोई वजह भी नहीं बताई गई। तबादलों में 12 अभियंता इस प्रकार हैं जिनकी पोस्टिंग 10 साल से अधिक समय से एक ही स्थान पर है। वहीं 31 अधिशासी अभियंता इस तरह हैं जो एक माह से लेकर 22 माह की कम अवधि ही पूरी कर सके थे और उन्हें उनका ट्रांसफर कर दिया गया। इन तबादलों के लिए नियमों की अनदेखी की गई। बता दें कि यूपी में पीडब्ल्यूडी विभाग के मंत्री जितिन प्रसाद हैं। ऐसे में उन्होंने निर्देश दिए हैं कि एक ही जिले में कई सालों से तैनात इंजीनियरों के तबादले होंगे और पीडब्ल्यूडी में मुख्यालय की संबद्धता में लापरवाही पर भी एक्शन लिया जाएगा। बता दें कि लोक निर्माण विभाग में तबादलों को लेकर पीडब्ल्यूडी के 5 अधिकारियों पर गाज गिर चुकी है, उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है।
PWD के 59 इंजीनियरों के तबादले होंगे रद्द, योगी सरकार का फैसला
Parmod Kumar