हरियाणा की मंडियों में 24 लाख मीट्रिक टन गेहूं की आवक हो चुकी है। मंडियों से अब तक करीब 6 लाख मीट्रिक टन लिफ्टिंग हुई है। प्रदेश की पलवल मंडी में लिफ्टिंग को लेकर शिकायतें सरकार के पास आई हैं। हालांकि सरकार ने लिफ्टिंग एजेंसी पर नजर रखने के लिए पहली बार मंडियों में ट्रांसफर अफसर नियुक्त किए है। 22 जिलों में जिला स्तर पर एक एचसीएस अधिकारी को ट्रांसफर अफसर नियुक्त किया गया है, जो एजेंसी पर कार्रवाई करेगा। ट्रांसपोर्ट अफसर अपनी रिपोर्ट डीसी को देगा। सरकार ने आदेश जारी किए हैं कि बड़ी मंडी में हर दिन जितनी खरीद हो रही है, उसका 50 प्रतिशत उठान होगा। जबकि छोटी मंडी में जितनी खरीद हुई, वहां पूरा उठान किया जाएगा। प्रदेश में गेहूं की खरीद को लेकर अबकी बार सरकार हर दिन अधिकारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर रही है। खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारी जिलों में डीएफएससी, हैफेड, हरियाणा वेयर हाउसिंग कोर्पोरेशन और अन्य खरीद एजेंसियों की वीसी ले रहे हैं, ताकि गेहूं की खरीद किसी भी कारण से प्रभावित न हो। पिछली बार गेहूं खरीद के समय लिफ्टिंग को लेकर आढ़तियों को खूब परेशानी हुई थी। एजेंसियों के ठेकेदार बिना रिश्वत के गेहूं का उठान नहीं कर रहे थे। इतना ही नहीं ट्रक मालिक भी आढ़ती से प्रति बैग अतिरिक्त चार्ज वसूल रहे थे। आढ़तियों ने शिकायतें भी कीं, परंतु कोई समाधान नहीं हो पाया। हरियाणा में गर्मी के कारण अबकी बार गेहूं का उत्पादन प्रति एकड़ कम है। अधिक गर्मी के कारण गेहूं का दाना सिुकड़ गया है। किसानों को गेहूं बेचने में दिक्कत न आए, इसलिए अब खाद्य आपूर्ति विभाग हरियाणा केंद्र सरकार को खरीद नियमों में छूट देने के लिए पत्र लिखेगा। केंद्र सरकार की खरीद एजेंसी एफसीआई के नियम अनुसार, गेहूं में 6 प्रतिशत तक खराबे की छूट है, गर्मी की वजह से गेहूं का दाना सिकुड़ गया है। खाद्य आपूर्ति विभाग हरियाणा ने प्रदेश की कई मंडियों से इसके सैंपल मंगवाए हैं। फरीदाबाद मंडी से सैंपल रिपोर्ट में गेहूं में 8.75 प्रतिशत सिकुड़ा हुआ मिला है। इससे हरियाणा की गेहूं भी एफसीआई की खरीद नियमों पर खरी नहीं उतरेगी। किसानों को दिक्कतें न आए, इसलिए हरियाणा सरकार केंद्र सरकार से गेहूं खरीद नियमों में छूट की मांग करेगी।
मंडियों में लिफ्टिंग पर नजर रखेंगे ट्रांसपोर्ट अफसर: पहली बार 22 जिलों में नियुक्त गए अधिकारी
Parmod Kumar