हरियाणा के 14 जिलों में बनेगे ट्रॉमा सेंटर, 26.30 करोड़ रुपये का बजट जारी

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हरियाणा के 14 जिलों में बनेगे ट्रॉमा सेंटर, 26.30 करोड़ रुपये का बजट जारी

सड़क हादसों में घायलों को जल्द मिलेगी चिकित्सा सुविधा

हरियाणा सरकार ने राज्य में सड़क हादसों में घायलों की जान बचाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने दिल्ली-एनसीआर के 14 जिलों में ट्रॉमा सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक ने 26 करोड़ 30 लाख रुपये का बजट जारी किया है। 30 मार्च तक अस्पतालों में ट्रॉमा सेंटर के लिए जरूरी उपकरणों की खरीद पूरी की जाएगी।

किन जिलों में बनेंगे ट्रॉमा सेंटर?

स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता के अनुसार, फरीदाबाद, गुरुग्राम, झज्जर, जींद, करनाल, नारनौल, रेवाड़ी, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, पानीपत और सोनीपत सहित 14 जिलों में ट्रॉमा सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इन जिलों को 30 मार्च तक जरूरी उपकरण खरीदने होंगे और इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को देनी होगी। जब तक नैशनल हाइवे या अन्य उपयुक्त स्थानों पर ट्रॉमा सेंटर नहीं बन जाते, तब तक ये उपकरण सिविल अस्पतालों में रखे जाएंगे।

ट्रॉमा सेंटर से मिलेगी त्वरित चिकित्सा सुविधा

प्रदेश में कई नैशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे बन चुके हैं, जहां आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। हादसे के बाद गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को मुख्य अस्पताल तक पहुंचाने में काफी समय लग जाता है, जिससे कई बार जान बचाना मुश्किल हो जाता है। अब हाईवे के पास ट्रॉमा सेंटर बनने से घायलों को 5 से 10 मिनट के भीतर उपचार मिल सकेगा, जिससे जीवन बचाने की संभावना बढ़ जाएगी।

26.30 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत

हाईवे पर होने वाले हादसों में समय पर इलाज न मिलने से कई बार मरीजों की जान चली जाती है। दुर्घटना के बाद घायलों को पहले जिला अस्पताल ले जाया जाता है और गंभीर स्थिति होने पर पीजीआई रेफर कर दिया जाता है। इस दौरान अधिक रक्तस्राव या अन्य गंभीर चोटों के कारण मरीज की जान जाने की संभावना अधिक रहती है।

सरकार ने ट्रॉमा सेंटरों में अत्याधुनिक उपकरण और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 26 करोड़ 30 लाख रुपये का बजट जारी किया है। इस राशि से विभिन्न जिलों के अस्पतालों में आवश्यक उपकरणों की खरीद, मरम्मत, लैब के उपकरण और ब्लड बैंक में जरूरी सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।

घायलों की जान बचाने में कारगर साबित होंगे ट्रॉमा सेंटर

ट्रॉमा सेंटरों में गंभीर रूप से घायलों के उपचार के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्यकर्मी उपलब्ध रहेंगे। ये केंद्र 24 घंटे कार्यरत रहेंगे, जिससे घायलों को तुरंत और प्रभावी इलाज मिल सकेगा। ट्रॉमा सेंटर में सामान्य ओपीडी नहीं होगी, बल्कि केवल आपातकालीन उपचार की सुविधा दी जाएगी।

स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक ने एनसीआर के अंतर्गत आने वाले जिलों में ट्रॉमा सेंटरों को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए आवश्यक चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराने हेतु बजट स्वीकृत कर दिया है। हाल ही में चंडीगढ़ में हुई स्वास्थ्य विभाग की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जिन जिलों से नैशनल हाईवे गुजरते हैं, वहां ट्रॉमा सेंटर की सुविधा अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाएगी।