- पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था
- सिद्धू के प्रदेश चीफ बनने के बाद सब ठीक होने की कही जा रही थी बात
- पंजाब में शांत नहीं हो रहा सिद्धू और अमरिंदर के बीच का विवाद
- कांग्रेस में मचे घमासान के बीच प्रदेश के प्रभारी हरीश रावत भेजे गए पंजाब
पंजाब में तमाम कोशिशों के बाद भी सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश चीफ नवजोत सिंह सिद्धू के खेमे के बीच खींचतान का मामला सुलझता नजर नहीं आ रहा। हाल ही में वहां एक बार फिर से कैप्टन के खिलाफ विरोध की कवायद शुरू हुई है। बताया जाता है कि कांग्रेस के विधायक परगट सिंह और तृप्त सिंह बाजवा की पहल पर बड़ी संख्या में विधायक लामबंद हो चुके हैं।
सूत्रों के मुताबिक, इन तमाम विधायकों ने कांग्रेस हाईकमान को एक लेटर लिखा है, जिसमें मौजूदा सीएम के खिलाफ अविश्वास जताते हुए जल्द से जल्द विधायक दल की मीटिंग बुलाने की अपील की गई है। लेटर में कहा गया है कि विधायक दल की यह बैठक दिल्ली से भेजे दो न्यूट्रल ऑब्जर्वर की मौजूदगी में होनी चाहिए, जहां विधायक खुलकर अपनी राय जाहिर कर सकें।
परगट और बाजवा सिद्धू के करीबी
बताया जाता है कि पंजाब में 80 में 40 विधायकों की ओर से ऐसी मांग की जा रही है। कहा जा रहा है कि यह सारी कवायद सिद्धू खेमे की ओर से हो रही है। गौरतलब है कि परगट सिंह और बाजवा दोनों ही सिद्धू के करीबी हैं।
सोनिया-प्रियंका से मिले रावत
पंजाब में जारी इस उठापटक के बीच बुधवार रात प्रदेश के प्रभारी महासचिव हरीश रावत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रिंयका गांधी से मुलाकात की। चर्चा है कि उन्होंने पंजाब में चल रहे घटनाक्रम और हालात की जानकारी कांग्रेस हाईकमान को दी। इसके बाद रावत से इस मामले को सुलझाने को कहा गया है। माना जा रहा है कि रावत जल्दी ही पंजाब का दौरा कर सकते हैं। इसके अलावा, वह पंजाब के सीनियर नेताओं से भी बात करेंगे।
माकन बोले, राजस्थान में कैबिनेट विस्तार का रोडमैप तैयार
कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने गुरुवार को कहा कि राजस्थान में कैबिनेट विस्तार और विभिन्न बोर्ड-निगमों में नियुक्तियों को लेकर रोडमैप तैयार है। अगर सीएम अशोक गहलोत अस्वस्थ नहीं होते तो अब तक ये काम पूरे हो चुके होते।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘विधानसभा सत्र शुरू होनेवाला था, ऐसे में हमारी सोच थी कि कैबिनेट विस्तार, जिला अध्यक्ष और बोर्ड और निगमों की नियुक्ति कर देते।’ सचिन पायलट को पार्टी के राष्ट्रीय संगठन में जिम्मेदारी दिए जाने की अकटलों से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि इस पर कोई भी फैसला पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के स्तर पर होगा।