तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों की पूरी तरह से रद करने की मांग को लेकर सिंघु, टीकरी, शाहजहांपुर और यूपी बॉर्डर पर चल रहा किसानों का आंदोलन 7 महीने बाद भी जारी है। चारों बॉर्डर पर सैकड़ों की संख्या में किसान प्रदर्शन जुटे हैं और उनका कहना है कि तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के पूरी तरह रद नहीं होने तक वह यहां पर डटे रहेंगे। उधर, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के 2 बड़े बयान यह बता रहे हैं कि फिलहाल आंदोलन जारी रहेगा। पहले बयान में उन्होंने कहा है कि यूपी समेत अन्य राज्यों में भी एक अगस्त से प्रदेश में बड़ा आंदोलन होगा। वहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बातचीत के प्रस्ताव पर राकेश टिकैत ने दो टूक कहा है कि कृषि मंत्री फिर से बातचीत के लिए शर्तें लगा रहे हैं, जो संयुक्त किसान मोर्चा समेत अन्य किसान संगठनों को मंजूर नहीं है।
इस बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के ताजा बयान से जाहिर है कि गतिरोध जल्द खत्म होने वाला नहीं है। दरअसल, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की ओर से वार्ता की पेशकश करने के सवाल पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि मंत्री फिर से बातचीत के लिए शर्तें लगा रहे हैं। मंत्री शर्तों के साथ किसानों को बातचीत के लिए बुला रहे हैं। जब सरकार पहले ही कह रही है कि नए कृषि कानून ख़त्म नहीं होंगे उनमें बदलाव होगा। ऐसे में यदि सरकार को बात करनी है तो बात करे लेकिन शर्त के साथ किसानों के साथ बात ना करे। सरकार के लोग जैसा कहेंगे किसान उस पर चले ऐसा नहीं है।
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने जगह-जगह प्रदर्शन किया। सब रजिस्ट्रार कार्यालय जेवर, यमुना एक्सप्रेस वे जीरो प्वाइट, एनएच 58 जीटो रोड नई बस्ती, महामाया फ्लाईओवर नोएडा आदि स्थानों पर किसान गैस सिलेंडर लेकर विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे। संगठन के मीडिया प्रभारी सुनील प्रधान ने बताया कि लोग कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं। महामारी के कारण आर्थिक संकट गहरा गया है। लोगों की नौकरी व व्यापार ठप है। काम धंधे बंद हैं। बेरोजगारी बढ़ गई है। दूसरी तरह देश में महंगाई इतनी बढ़ गई है कि लोगों को अपने घर का चूल्हा चलाना भी मुश्किल हो गया है।