महाराष्ट्र में शिवसेना को लेकर सियासी घमासान जारी है। ताजा खबर यह है कि चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे की ओर से आज सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी गई है। याचिका में जल्द सुनवाई की मांग की गई है, लेकिन सर्वोच्च अदालत ने इससे इनकार कर दिया। उद्धव ठाकरे के लिए इसे बड़ा झटका बताया जा रहा है।
शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न का अधिकार एकनाथ शिंदे गुट को दे दिया है। इसके बाद से उद्धव ठाकरे तिलमिलाए हुए हैं। उन्होंने सीधे तौर पर मोदी सरकार पर निशाना साधा और तनाशाही करार दिया।
इस बीच, उद्धव ठाकरे के हाथों से पार्टी का ट्विटर और यूट्यूब हैंडल भी चला गया है। चुनाव आयोग के फैसले के अगले ही दिन शिवसेना के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट s @ShivsenaUBT_ से ब्लू टिक हटा लिया गया।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने अपने यूट्यूब चैनल का नाम भी शिवसेना से बदलकर शिवसेना यूबीटी कर दिया है। एक अन्य ट्विटर हैंडल – @ShivsenaComms, जो पार्टी का आधिकारिक मीडिया हैंडल है – ने भी @ShivsenaUBTComm के रूप में नाम बदलने के बाद अपना ब्लू टिक खो दिया।
जो शिवसेना के साथ हुआ, अन्य दलों के साथ भी हो सकता है : उद्धव
इससे पहले शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि एकनाथ शिदे के नेतृत्व वाले धड़े को वास्तविक शिवसेना के रूप में मान्यता देने के चुनाव आयोग के फैसले के मद्देनजर सभी दलों को सतर्क रहने और आंखें खुली रखने की जरूरत है। आयोग के फैसले को अन्याय बताते हुए उन्होंने कहा कि जो शिवसेना के साथ हुआ है और जैसा व्यवहार हुआ है, वह उनके साथ भी हो सकता है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि शिवसेना कभी भी मुस्लिमों और उत्तर भारतीयों के विरुद्ध नहीं थी। उत्तर भारतीय समुदाय के साथ बातचीत में उद्धव ने कहा कि वे मुझे मेरे घर से बाहर करना चाहते हैं और उस पर कब्जा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उनके पिता ने इन लोगों को तैयार किया और शिवसैनिकों ने उनका समर्थन किया। लेकिन अब वे मालिक बनना चाहते हैं और हमारे संस्थान ऐसे हैं कि उन्होंने घर के मालिक को ही चोर बना दिया।