फरीदाबाद: दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर को हुए ब्लास्ट ने झकझोर कर रख दिया है। जांच एजेंसियों ने इस मामले में हरियाणा के फरीदाबाद जिले में स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी के तीन प्रोफेसरों की भूमिका संदिग्ध पाई है। इनमें से 33 वर्षीय उमर उन नबी वही है जो जो ब्लास्ट के दिन कार चला रहा था। उमर के साथ यूनिवर्सिटी के दो अन्य प्रोफेसर 46 वर्षीय महिला डॉ. शाहीन शाहिद और 35 साल डॉ. मुजम्मिल अहमद गनाई भी इस आतंकी मॉड्यूल से जुड़े पाए गए है। उमर उन नबी यूनिवर्सिटी में मेडिसिन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर था। यूनिवर्सिटी के छात्रों की मानें तो वो शांत रहता था, लेकिन बेहद बुद्धिमान था।
रूढ़िवादी सोच के लिए जानी जाती थीं शाहीन
वहीं, लखनऊ से गिरफ्तार की गई फार्माकोलॉजी प्रोफेसर डॉ. शाहीन शाहिद अपनी रूढ़िवादी सोच के लिए जानी जाती थीं। यूनिवर्सिटी की एक छात्रा ने बताया कि वो अक्सर लड़कियों को टी-शर्ट और जींस पहनने पर टोकती थीं और अनुशासन पर बहुत सख्त थीं। तीसरा आरोपी डॉ. मुजम्मिल ने इसी यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की थी और श्रीनगर के एसकेआईएमएस (SKIMS) से एमडी करने के बाद बतौर फैकल्टी लौटा थे। वो छात्रों के बीच बेहद लोकप्रिय थे। एक अंतिम वर्ष के छात्र ने बताया कि वो छात्रों की मदद करने वाले और सहज स्वभाव के थे। किसी को विश्वास नहीं हो रहा कि वे किसी आतंकी साजिश में शामिल हो सकते हैं।
पुलिस की टीमें मौके पर
इस पूरे घटनाक्रम के बाद यूनिवर्सिटी कैंपस में भय और अनिश्चितता का माहौल है। एनआईए, हरियाणा पुलिस और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीमें लगातार कैंपस में मौजूद हैं। रोज़ाना छात्रों और फैकल्टी सदस्यों से पूछताछ की जा रही है। एक छात्र ने बताया कि हर दिन दो से तीन छात्रों को बुलाया जा रहा है। किसी को नहीं पता आगे क्या होगा। क्लास लग रही हैं, लेकिन कोई ध्यान नहीं लगा पा रहा। छात्रों के मुताबिक, जिनका मुजम्मिल या उमर से करीबी रिश्ता था, उन्हें पूछताछ के लिए विशेष रूप से बुलाया जा रहा है।
छात्रों को सता रहा ये डर
एमबीबीएस के अंतिम वर्ष और इंटर्नशिप में लगे कई छात्र डर के बावजूद विश्वविद्यालय छोड़कर नहीं जा पा रहे क्योंकि यह उनके करियर का अहम समय है। एक छात्रा ने बताया कि अब लेक्चर में बैठना भी अजीब लगता है। हर जगह जांच, पुलिस और बेचैनी का माहौल है। इस बीच अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट ने बयान जारी कर कहा है कि वह जांच एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग कर रहा है। ट्रस्ट के प्रतिनिधि ने बताया कि हमने जांचकर्ताओं को सभी मांगे गए दस्तावेज, जमीन के स्वामित्व के कागज, ट्रस्ट डीड, सरकारी एनओसी, बिल्डिंग प्लान, यूजीसी और नेशनल मेडिकल कमिशन की स्वीकृतियां उपलब्ध करा दी हैं।
डॉ. निसार-उल-हसन के लापता
इस बीच, यूनिवर्सिटी में कार्यरत एक और प्रोफेसर डॉ. निसार-उल-हसन के लापता होने से अफवाहों का दौर तेज हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, निसार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। उनकी पत्नी डॉ. सुरैया ने बुधवार रात बताया कि एनआईए अधिकारी उन्हें पूछताछ के लिए ले गए हैं। डॉ. निसार इससे पहले श्रीनगर के एसएमएचएस हॉस्पिटल में असिस्टेंट प्रोफेसर थे, लेकिन नवंबर 2023 में अलगाववादी विचार फैलाने के आरोप में उन्हें बर्खास्त किया गया था। जांच एजेंसियां अब इन सभी प्रोफेसरों और उनसे जुड़े संपर्कों की कड़ियों को जोड़ने में जुटी हैं। छात्रों और स्टाफ की चिंताओं के बीच, अल-फलाह यूनिवर्सिटी फिलहाल जांच एजेंसियों की निगरानी में है।











































