केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है खेती की तरक्की व इसके लिए आधुनिक ज्ञान के प्रसार में कृषि महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों की प्रमुख भूमिका है. सरकार खेती को आधुनिक बनाने का प्रयत्न कर रही है, जिसके लिए डिजिटल कृषि मिशन शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का अहम योगदान है व भारतीय कृषि ने प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अपनी प्रासंगिकता कई बार सिद्ध की है. देश में कृषि की प्रधानता के चलते इसकी मजबूती से देश भी सशक्त होगा और आगे बढ़ेगा.
केंद्रीय मंत्री तोमर ने यह बात जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर के 58वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कही. तोमर ने कहा कि खेती के साथ ग्रामीण परिवेश में भी समृद्धि आनी चाहिए, जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई योजनाओं का सृजन किया है. किसानों को स्वतंत्रता देने के लिए कानूनी बंदिशों को तोड़ा है और किसानों की आय बढ़ाने को प्राथमिकता दी है.
1600 से अधिक फसल किस्में विकसित
तोमर ने कहा कि किसानों के परिश्रम, वैज्ञानिकों के अनुसंधान और सरकार की किसान हितैषी नीतियों के चलते कई फसलों की उपज के मामले में भारत दुनिया में पहले या दूसरे स्थान पर है. पिछले पांच साल में 1600 से ज्यादा फसल-किस्में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) व उसके संस्थानों, कृषि विश्वविद्यालयों तथा कृषि विज्ञान केंद्रों के योगदान से विकसित की गई हैं. जिनमें जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय ने भी 294 उन्नत किस्में विकसित की हैं.
शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में लागू होगी कृषि शिक्षा नीति
इसमें धान की नई किस्म भी है, जो हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्र को समर्पित 35 किस्मों में शामिल है. इसका लाभ प्रदेश और देश के किसानों को मिला है और आगे भी मिलेगा. तोमर ने कहा कि देश भर के कृषि विश्वविद्यालयों में नई शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में कृषि शिक्षा (Agriculture Education) नीति लागू की जाएगी.
कृषि निर्यात बढ़ाने में हो योगदान
आईसीएआर ने इस संबंध में तैयारी कर ली है और हाल ही में इसके डाक्युमेंट का विमोचन उनके द्वारा किया गया है. तोमर ने अपेक्षा की कि कृषि विश्वविद्यालयों से अच्छे कृषि वैज्ञानिक निकलें, जिससे देश में कृषि की तरक्की हो. उन्होंने कहा कि कृषि उपज का निर्यात (Agri Produce Export) बढ़ाने में भी कृषि विश्वविद्यालयों का योगदान होना चाहिए.
विशेष अतिथि के रूप में मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि उनका प्रदेश कृषि क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनेगा, हमने पंजाब व हरियाणा को भी पीछे छोड़ा है. इसमें वैज्ञानिकों के अनुसंधान का अहम योगदान है. उन्होंने जैविक खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया. कुलपति डॉ. प्रदीप कुमार बिसेन ने स्वागत भाषण दिया.