केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण व जलशक्ति राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल ने कुण्डली स्थित राष्ट्रिय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमशीलता एवं प्रबंधन संस्थान (निफ्टम) को दौरा किया. उन्होंने कहा कि मंत्रालय हो या इंडस्ट्री, दोनों के लिए फूड प्रोसेसिंग संस्थान रीड की हड्डी है. दुनिया भर में भारतीय खान पान के प्रति रुचि बढ़ी है, लेकिन साथ ही उम्मीद की जाती है कि इसमें नई खोज या अनुसंधान होते रहें. वहीं निफ्टम इस काम को बखूबी निभा रहा है. वहीं उन्होंने कहा कोई भी सब्जी, फल या अनाज जो शीघ्र खराब हो जाता हो, उसे लंबे समय तक कैसे ठीक रखा जाए. इस विषय में निफ्टम काम कर रहा है. किसी भी अनाज या किसी भी प्रोडक्ट को कैसे अधिक गुणवत्तापूर्ण बनाया जाए, इसके लिए हमें प्रोफेशनल्स की जरूरत है. यह काम भी निफ्टम में हो रहा है. उन्होंने कहा कि निफ्टम में राज्य के प्रत्येक खाद्य पदार्थ की टेस्टिंग की सुविधा है. खाद्य प्रसंस्करण के परम्परागत तरीकों को आज के आधुनिक प्रसंकरण तकनीक के साथ जोडऩे की आवश्यकता है.
किसान का उत्पादन खराब होता है
केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि आए दिन सुनने में आता है कि किसानों का उत्पाद या उनकी फसल खराब हो जाती है. इसकी वजह हमेशा प्राकृतिक आपदा ही नहीं रहती थी, बल्कि फसल कटाई के बाद उत्पादन के लिए भण्डारण की सही व्यवस्था न मिल पाना भी एक वजह थी. किसान अपनी मेहनत से फसल का अच्छा उत्पादन तो कर लेते हैं लेकिन जब बात भण्डारण की आती है तो उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता था. किसानों की इसी परेशानी को दूर करने के लिए केन्द्र सरकार ने युद्घ स्तर पर कार्य करते हुए कोल्ड चेन परियोजना की शुरूआत की.
निर्यात पर फोकस करें
इस परियोजना के तहत किसानों की आमदनी बढाने के लिए मेगा फूड पार्कों का निर्माण किया जा रहा है ताकि किसानों की फसल खराब होने से बच सके. क्योंकि इन फूड पार्कों में फसलों को उनके अनुकूल वातवरण मिलता है जिससे वे कई दिन तक खराब नहीं होती और उन्हें बाहर भी निर्यात किया जा सकता है जिससे किसानों को अच्छे दाम मिल पाते हैं. दौरे के दौरान सांसद रमेश कौशिक भी उनके साथ मौजूद रहे. उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में भविष्य में आने वाली चुनौतियों के लिए तकनीकी समाधान निकालने के लिए प्रेरित किया.
जागरुकता अभियान चलाएं
प्रहलाद पटेल ने निफ्टम के विभागाध्यक्षों के साथ बैठक भी ली और उन्हें दिशा-निर्देश दिए कि वे कोल्ड चेन परियोजना व खाद्य वस्तुओं के पहलू में रिसर्च करने वाली संस्थानों को डाटा एकत्रित करें और अपने स्थान में सेमिनार का आयोजन कर ऐसे स्थानों व लोगों को सेमिनार में आमंत्रित करें ताकि उनसे भी हमें कुछ नया सिखने को मिले. इसके बाद सेमिनार की रिपोर्ट बनाकर मंत्रालय को भेजे ताकि मंत्रालय को भी इस क्षेत्र में सुझाव मिल सके और कुछ नया करने के प्रति कार्य किया जा सके.
किसान की आय कैसे बढ़े
केन्द्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि निफ्टम संस्थान ने जो ग्राम अंगीकरण कार्यक्रम चलाया हुआ है. जिसके तहत वे देश के विभिन्न राज्यों में गांव को गोद लेकर वहां कार्यक्रम व रिसर्च करते हैं तो वे उन गांवों में जाकर किसानों को खाद्य वस्तुओं व अन्य पहलुओं पर आने वाली चुनौतियों का विशेषकर अघ्ययन करें और उस चुनौती को दूर करने के लिए कार्य करें तभी हम इस क्षेत्र में सफल हो सकते हैं. इसके अलावा गांवों में जाकर किसानों को भी जागरूक करें कि वे किस प्रकार अपनी आमदनी को बढा सकते हैं.
कुछ योजनाएं शुरु हुई
दौरान उन्होंने संस्थान के अध्यापकों और छात्रों से मुलाकात की और संस्थान की उपलब्धियों के बारे में जाना. उसके बाद केन्द्रीय राज्यमंत्री ने लाइब्रेरी जिम और क्लासरूम समेत अलग-अलग लैब का जायजा लिया जहां लाइब्रेरी में पहुंचे प्रह्लाद पटेल को लाइब्रेरी में बुक जारी कराने से लेकर जमा करवाने तक के सभी फीचर को प्रैक्टिकल कर अवगत कराया. इसके उपरांत बारी बारी से तमाम प्रकार के खाद्यान्न प्रयोगशाला का जायजा लिया गया और भविष्य में स्थानीय और बाहरी लोगों के पैकेजिंग प्रोसेस को एक बिजनेस के रूप में बढ़ावा देने के प्रयास भी सांझा किए गए. दौरे में उन्होंने निफ्टम सेंसरी लैब और पायलट प्लांट का उद्घाटन किया. केन्द्रीय राज्य मंत्री ने दौरे के दौरान संस्थान परिसर में पौधारोपण भी किया.