केंद्र सरकार ने किसानों की लगभग सभी मांगों पर अपनी सहमति दे दी है और इसके साथ किसान आंदोलन खत्म हो गया है. हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों की याद में शहीद स्मारक बनाने के लिए जमीन की मांग की थी, जिस पर सरकार ने सहमति नहीं जताई है. इसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा अब अपने स्तर पर ही सोनीपत के कुंडली थाना क्षेत्र में शहीद स्मारक के लिए जमीन तलाश रहा है, जहां पर किसानों के लिए शहीद स्मारक बनाया जाएगा. यही नहीं, इसके जरिए किसान आंदोलन को भविष्य में सभी याद रखेंगे.
दरअसल 26 नवंबर 2020 को दिल्ली की सीमाओं पर किसानों ने तीन कृषि कानूनों की वापसी की मांग और अन्य मांगों को लेकर आंदोलन शुरू किया था. वहीं, इस किसान आंदोलन में 700 से ज्यादा किसानों ने अपनी जान भी गंवाई है. हालांकि सरकार ने किसानों की सभी मांगों को पूरा करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया है. वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार से किसानों की याद में बनाए जाने वाले शहीद स्मारक के लिए जमीन की मांग भी की थी, लेकिन सरकार ने इस मांग को अस्वीकार कर दिया. इसके बाद अब संयुक्त किसान मोर्चा सोनीपत के कुंडली बॉर्डर पर शहीद स्मारक के लिए जमीन तलाश रहा है. वहीं, किसानों ने दावा है कि वह जल्द से जल्द जमीन तलाश कर शहीद स्मारक बनाएंगे, ताकि इस किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को शहादत दी जा सके.
किसान मोर्चा के पास है एक करोड़ से ज्यादा का फंड
किसान नेता दीप खत्री ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा को शहीद स्मारक के लिए सरकार ने जमीन नहीं दी है और अब संयुक्त किसान मोर्चा किसान आंदोलन में जान गंवाने वालों के लिए जमीन तलाश रहा है, ताकि शहीद स्मारक बनाया जा सके. इसके साथ कहा कि इस पर स्वर्ण अक्षरों में किसानों के नाम लिखे जाएंगे, ताकि आने वाली पीढ़ी इस किसान आंदोलन को याद रख सके. उन्होंने बताया कि अभी संयुक्त किसान मोर्चा के पास लगभग एक करोड रुपये चंदा जमा है. वहीं, कुंडली और टिकरी बॉर्डर पर मुख्य मंच पर लागत लगभग 30 और 16 लाख रुपये आई थी जिनको भी हम बेच रहे हैं, ताकि उससे भी कुछ फंड इकट्ठा किया जा सके.
गौरतलब है कि अब संयुक्त किसान मोर्चा के ऐलान के बाद सोनीपत कुंडली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन से किसान अब घर वापसी कर रहे हैं. इस बीच वह अपनी झोंपड़ी और टेट को किसान समेट रहे हैं. वहीं, शुक्रवार को भी सोनीपत के कुंडली बॉर्डर से काफी संख्या में किसान अपने घरों की तरफ रवाना हुए. इस बीच किसान नेता रमिंदर पटियाल ने बताया कि अब किसान घर वापस जाने के लिए तैयारियां कर रहे हैं.