दिल्ली बुक फेयर में फ्री बाइबल बांटने पर हंगामा,क्रिस्चियन स्टॉल में की तोड़-फोड़

Parmod Kumar

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दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय बुक फ़ेयर लगा है. किताबों का मेला. भिन्न-भिन्न तरह की किताबें मिल रही हैं. साइंस, धर्म, साहित्य… सबकुछ. एक स्टॉल पर मुफ़्त में बाइबल मिल रही थी. इससे कुछ लोगों को आपत्ति हो गई. वो भीड़ बनकर स्टॉल के बाहर जमा हुए और नारेबाज़ी करने लगे. थोड़ी ही देर में वो हिंसा पर उतर आए. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इसमें भीड़ में शामिल लोग ‘भारत माता की जय’ और ‘जय श्री राम’ के नारों के साथ स्टॉल में तोड़-फोड़ करते दिख रहे हैं.

जिस स्टॉल पर हंगामा हुआ, वो गिदोन इंटरनेशनल नाम के एक ईसाई ग़ैर-लाभकारी संगठन (NGO) का है. हुआ ये कि 1 मार्च को दोपहर क़रीब 2 बजे, लगभग 15 लोग स्टॉल पर आए. उन्होंने स्टॉल पर हनुमान चालीसा का पाठ करना शुरू कर दिया और कथित तौर पर स्टॉल पर काम कर रहे वॉलंटियर्स से कहा कि मुफ़्त में बाइबल बांटना बंद करो और लोगों को ईसाई धर्म में कन्वर्ट करना बंद करो.

मेले में एक वॉलंटियर ने बताया कि कई स्टॉलों पर बाक़ी धर्मों की किताबें मुफ़्त में बंट रही हैं. उसने कहा, उन लोगों ने हम पर आरोप लगाया कि हम लोगों को किताबें लेने के लिए मजबूर कर रहे हैं. हमने बताया कि हम केवल गुज़र रहे लोगों को मुफ़्त किताबें बांट रहे हैं. जिस तरह से लोग हॉल के दूसरी तरफ़ भगवद् गीता बांट रहे हैं, हम यहां बाइबल बांट रहे हैं. लेकिन उन्होंने हमारी सुनी नहीं.”

वॉलंटियर्स ने दावा किया कि ‘हिंंदूवादियों’ ने बाइबल, बाक़ी किताबें और पोस्टर फाड़ दिए. लेकिन पुलिस ने इस आरोप से इनकार कर दिया. एक पुलिस अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, हमने इलाक़े की जांच की. कोई किताब फटी हुई नहीं थीं. कुछ लोगों ने केवल विरोध किया था और जल्द ही उन्हें हटा दिया गया. कोई व्यवधान या हिंसा नहीं हुई है. संगठन ने भी शिकायत दर्ज नहीं करवाई, न करना चाहते थे. उन्होंने तो हमसे यही कहा कि मामला सुलझ गया है.”

घटना पर विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल का भी बयान आया. उन्होंने कहा कि विरोध संगठित नहीं था. कुछ लोगों को ईसाई ग्रुप के बारे में पता चला था, तो वो वहां ख़ुद से गए थे. विनोद बंसल ने आरोप लगाया कि ये (ईसाई) ग्रुप लोगों को किताबें लेने के लिए मजबूर करता है. फिर उन्हें कन्वर्ट कर देता है. उन्होंने हिंसा की बात भी नकार दी.