हरियाणा के आठ बड़े नगरों में शहरी बस सेवा को हरी झंडी

Parmod Kumar

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की महत्वाकांक्षी शहरी बस सेवा को परिवहन विभाग सिरे चढ़ाने जा रहा है। आठ बड़े नगरों से यह सेवा शुरू करने को सरकार की हरी झंडी मिल गई है। पहला चरण जल्द शुरू होगा। इलेक्ट्रिक और साधारण बसें दोनों ही इस सेवा के तहत चलाई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने 8 मार्च 2022 को पेश बजट में इस योजना की घोषणा की थी। इसे सिरे चढ़ाने के लिए एसपीवी यानी विशेष प्रयोजन वाहन बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने रोहतक, पानीपत, यमुनानगर और हिसार में शहरी बस सेवा की घोषणा की थी, लेकिन विभाग ने चार और शहरों करनाल, सोनीपत, अंबाला और कुरुक्षेत्र नगर निगम के क्षेत्र को भी इसमें शामिल कर लिया है। शहरी बस सेवा के लिए विभाग ने पांच लाख आबादी का मानदंड तय किया है। इतने नगरों में हरियाणा सरकार पहली बार शहरी बस सेवा शुरू करने जा रही है। विभाग के उच्च अधिकारियों ने इसका खाका तैयार कर लिया है। शहरी बस सेवा में कितनी बसें इलेक्ट्रिक और कितनी साधारण होंगी, ये जल्दी तय किया जाएगा। इलेक्ट्रिक बस एक बार चार्ज होने पर दो सौ किलोमीटर चल सकती हैं, इसलिए साथ लगते शहरों में शुरुआत में एक ही चार्जिंग स्टेशन स्थापित कर काम चलाया जाएगा। जहां शहरों की दूरी काफी है, वहां एक-एक चार्जिंग स्टेशन होगा ताकि बसों को चार्ज करने में कोई दिक्कत न हो। शहरी बस सेवा के अलावा सरकार ने पांच लाख से अधिक आबादी वाले दस शहरों में 800 इलेक्ट्रिक बसें चलाने का निर्णय भी लिया हुआ है। शहरी बस सेवा भी उनमें से ही आठ शहरों में शुरू हो रही है। एक-एक नगर निगम क्षेत्र में कम से कम 50 इलेक्ट्रिक बसें आवंटित की जानी हैं। उनमें से ही 15-20 बसें सिटी बस सेवा के तहत चलाई जाएंगी। शुक्रवार को मंत्रिमंडल उप समिति की बैठक में इलेक्ट्रिक बसों की खरीद पर मुहर लगेगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी ऑन इंफ्रास्ट्रक्चर बसें खरीदने की सिफारिश कर चुकी है। बीते दिनों मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता में बैठक हुई थी, जिसके बिंदु बनकर तैयार हो चुके हैं। इन्हें मंत्रिमंडल उप समिति की बैठक में रखा जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल का कहना है कि शहरी बस सेवा से कामकाजी और अन्य लोगों को अपने घरों से कार्यस्थल तक पहुंचने में आसानी होगी। कार्यालय समय के अलावा पीक आवर्स में बसों का संचालन होगा। तेज शहरीकरण और विकास के साथ ही शहरी परिवहन विकसित करना जरूरी है। शहरी बसें सुव्यवस्थित परिवहन सेवा मुहैया कराएंगी। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चार्जिंग संयंत्र के साथ इलेक्ट्रिक बसों को भी आजमाया जाएगा।