छत्तीसगढ़ में डीजल और पेट्रोल पर वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) कम करने का सरकार का फिलहाल कोई इरादा नहीं है। सरकार के वरिष्ठ मंत्री रविंद्र चौबे का कहना है कि राज्य को पहले ही राजस्व की प्राप्तियों में नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस वजह से पेट्रोल-डीजल पर वैट को लेकर पुनर्विचार की संभावना नहीं है। देश में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच कुछ राज्यों ने वैट कम करके लोगों को राहत देने की कोशिश की है। छत्तीसगढ़ में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 25 फीसद वैट शामिल है। राज्य में 2018 में पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट पर चार फीसद की रियायत दी गई थी। यह राहत लोगों को करीब एक वर्ष तक मिलती रही। मंगलवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए कैबिनेट मंत्री रविंद्र चौबे ने धान के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सैद्धांतिक सहमति के बाद भी केंद्र सरकार ने राज्य से लिए जाने वाले चावल के कोटे में कटौती कर दी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खुले बाजार में धान बेच सकती है। सरकार ने इस वर्ष के सरप्लस धान की नीलामी का फैसला किया है। इसके लिए अंतर विभाग समिति का गठन किया गया है। मंत्री ने कहा कि देश में हजार से 11 सौ रुपये में किसानों से धान खरीदा जा रहा है। हम 2500 रुपये में खरीद रहे हैं। अन्य खर्च को मिलाकर छत्तीसगढ़ सरकार को धान 30 रुपये प्रति किलो से अधिक पड़ता है।