ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार देने वाली केंद्र सरकार के मनरेगा एक्ट का नाम बदलने की तैयारी कर ली गई है। दो दशक पुराने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना (MGNREGA) की जगह ‘विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी वीबी-जी राम जी एक्ट लाने का प्रस्ताव दिया गया है। इस बिल को विकसित भारत 2047 के लक्ष्य के मुताबिक तैयार करने की बात कही गई है।
इस एक्ट के तहत बिना मशीन के काम करने वाले हर ग्रामीण परिवार के वयस्क सदस्यों को 100 के बजाय 125 दिनों की रोजगार की कानूनी गारंटी मिलेगी। सरकार की मानें तो इस योजना का उद्देश्य सिर्फ रोजगार देना ही नहीं बल्कि ग्रामीण इलाकों में पक्की सड़कें और इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाना भी है। कहा जा रहा है कि इस योजना का लाभ न सिर्फ ग्रामीण मजदूरों को बल्कि किसानों को भी होगा। राज्यों को 60 दिनों के लिए काम रोकने की अनुमति होगी ताकि मजदूर खेती में अपना योगदान दे सकें।
मनरेगा जॉब कार्ड से नहीं बनेगा काम
इस योजना के तहत सिर्फ नाम ही नहीं बदला है बल्कि कई दिशानिर्देश भी बदल जाएंगे। मसलन 100 के बजाय 125 दिनों के रोजगार की गारंटी मिलेगी। ग्राम पंचायतें खुद ‘विकसित ग्राम पंचायत योजना’ बनाएंगे। हालांकि अभी तक मनरेगा से जुड़ने के लिए मजदूरों को जॉब कार्ड बनवाना होता था। लेकिन अब इस कार्ड से रोजगार नहीं मिलेगा। इसके लिए मजदूरों को ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्ड बनवाना होगा। इसी के आधार पर ही उन्हें काम मिलेगा।
कैसे बनेगा ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्ड
ग्रामीण परिवार का जो भी सदस्य, जिसकी उम्र 18 साल से ज्यादा है, वो ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्ड के लिए आवेदन कर सकता है। इसके लिए इच्छुक व्यक्ति को ग्राम पंचायत ऑफिस में जाना होगा। यहां उन्हें अपना नाम, उम्र और पता दर्ज करवाना होगा।
कौन-कौन से कागज लगेंगे
ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्ड बनवाने के लिए आधार कार्ड, जिस गांव में रहते हैं, वहां के पते का आवास प्रमाण पत्र जरूरी होगा। इसके अलावा आयु प्रमाण पत्र और बैंक खाता नंबर देना होगा। कार्ड बनवाने के लिए ईकेवाईसी की प्रक्रिया से भी गुजरना पड़ सकता है।
जी राम जी योजना में इनके लिए बनेगा स्पेशल कार्ड
वीबी-जी राम जी योजना के तहत स्पेशल जॉब कार्ड भी बनाए जाएंगे। सिंगल वुमेन यानी जो महिलाएं अकेले जीवनयापन कर रही हैं, उन्हें स्पेशल ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्ड जारी किए जाएंगे। इसके अलावा दिव्यांग, 60 साल से ऊपर के बुजुर्ग, ट्रांसजेंडर और कुछ जनजाति से संबंध रखने वाले लोगों को भी यह खास कार्ड मिलेगा। इस स्पेशल कार्ड का रंग भी दूसरे जॉब कार्ड की तुलना में अलग होगा।
















































