विनेश फोगाट ने चुनौतियों से नहीं मानी हार, मां व ताऊ ने पंखों को दी उड़ान!

parmod kumar

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विनेश फोगाट महज नौ वर्ष की थी कि उनके सिर से पिता का साया उठ गया था, जिसके बाद जिम्मेदारी मां प्रेमलता पर आ गई थी। मां ने उन्हें हर परिस्थिति में खुद पर विश्वास कर आगे बढ़ने का हौसला दिया। वहीं ताऊ महाबीर फोगाट ने सुबह-शाम कड़ा अभ्यास कराकर इस लायक बनाया कि अब ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।

पति पहलवान सोमबीर राठी ने शादी के बाद मेरे हर फैसले पर साथ दिया है। वह हमेशा मेरे साथ रहकर अभ्यास, खानपान व हर छोटी चीज का ध्यान रख रहे हैं, ताकि मैं निश्चिंत होकर अपने अभ्यास पर ध्यान दे सकूं। उन्होंने बताया कि 53 से 50 किलो भार वर्ग में आना काफी चुनौती का काम था,