विधानसभा से संसद तक गूंजी हिसार के दूरदर्शन की वापसी की आवाज, मिला केवल आश्वासन

Parmod Kumar

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अब लोकसभा और विधानसभा चुनावों में यह मुद्दा गरमाने के आसार हैं। कांग्रेस ने इस मुद्दे को अपने घोषणा पत्र में शामिल करते हुए डीडी हरियाणा के हिसार से ही वापसी का आश्वासन दिया है लेकिन देवीलाल के नाम पर राजनीति कर रहीं भाजपा, जजपा और इनेलो जैसी पार्टियां फिलहाल इस मुद्दे पर मौन हैं। वैसे दूरदर्शन बचाओ संघर्ष समिति को अब भी खाेए हुए दिन वापस होने की उम्मीद है

हिसार में 14 जनवरी 2023 को बंद डीडी हरियाणा से प्रसारण फिर से शुरू करवाने के लिए दूरदर्शन बचाओ संघर्ष समिति सवा साल से धरने पर है। उनका मानना है कि डीडी पंजाबी, डीडी राजस्थान, डीडी बिहार जैसे क्षेत्रीय चैनल चल रहे हैं जबकि डीडी हरियाणा को चंडीगढ़ शिफ्ट कर दिया गया। इसके पीछे खर्च में कटौती की भी बात सामने आ रही है। विपक्षी दल, ट्रेड यूनियन और किसान संगठन केंद्र सरकार के इस कदम को हरियाणा की पहचान पर हमला मानते हैं।

वहीं सूत्र बताते हैं कि दूरदर्शन केंद्र की ओर से अब भी हर महीने बिना खर्च किए लाखों रुपये बिजली बिल का भुगतान किया जा रहा है। इसे सरकारी धन का दुरुपयोग माना जा रहा है, लेकिन कुछ लोग यह भी उम्मीद जता रहे हैं कि भविष्य में हरियाणा से आवाज बुलंद की गई तो इसे फिर से शुरू किया जा सकता है। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता बजरंग दास गर्ग का कहना है कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार आई तो हरियाणा दूरदर्शन फिर हिसार शिफ्ट करवाएंगे।

एक नवंबर, 2002 को तत्कालीन केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री सुषमा स्वराज ने इस केंद्र का उद्धाटन किया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला और सांसद सुरेंद्र सिंह बरवाला भी इसके साक्षी बने थे। तब से इस केंद्र ने कृषि की नवीनतम तकनीकों और बागवानी और डेयरी जैसे क्षेत्रों के बारे में शिक्षित करने के अलावा पूरे देश में क्षेत्रीय संस्कृतियों को बढ़ावा देने और इनके प्रसार में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। पर समय बीतने के साथ ही इसकी भूमिका सिमट गई। अब यह केंद्र केवल ढांचा मात्र रह गया है।
दूरदर्शन हरियाणा के मौजूदा प्रोग्राम डायरेक्टर पवन कुमार कहते हैं कि दूरदर्शन केंद्र के चंडीगढ़ जाने से सबसे अधिक हरियाणवी संस्कृति को नुकसान हुआ है। हिसार हरियाणवी संस्कृति का केंद्र बिंदु है, जबकि चंडीगढ़ पंजाबी संस्कृति का केंद्र है। केंद्र चंडीगढ़ शिफ्ट होने से हरियाणा के लोक कलाकारों के साथ अन्याय हुआ है। दूरदर्शन केंद्र बंद होने से किसान हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की सलाह का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। वहीं, खिलाड़ियों को भी प्रोत्साहन नहीं मिल पा रहा है।
2002 में दूरदर्शन केंद्र पाने वाला हरियाणा देश का आखिरी राज्य था। यदि पुरजोर प्रयास नहीं हुए तो हिसार में अपना एकमात्र दूरदर्शन केंद्र खोने वाला हरियाणा पहला राज्य बन जाएगा। हिसार में दूरदर्शन कार्यालय और स्टाफ कॉलोनी परिसर आठ एकड़ में प्राइम लोकेशन पर है। स्टूडियो में महंगे डिजिटल उपकरण भी लगे थे, जो चंडीगढ़ शिफ्ट हो गए। अब तक इस परिसर के किसी और उपयोग की घोषणा नहीं की गई है, ऐसे में उम्मीद की किरण अब भी बनी हुई है। हिसार में तीन विश्वविद्यालय हैं, एक कृषि के लिए, दूसरा पशु चिकित्सा विज्ञान के लिए और तीसरा तकनीक के क्षेत्र में दूरदर्शन को विशेषज्ञ प्रदान करते थे। विशेषज्ञों की सलाह से किसान के साथ-साथ युवा भी वंचित हुए हैं। लोक कलाकारों को भी निराशा मिली है।