हरियाणा के जींद के जुलाना के किलाजफरगढ़ गांव में पिछले कई सालों से पीने की पानी की समस्या बनी हुई है. इसी समस्या को देखते हुए ग्रामीणों ने कई बार सरकार से गुहार लगाई और रोड़ जाम किया. लेकिन कोई भी समाधान नहीं हो पाया. इस पर गांव की महिला और पुरुषों ने गांव के 100 साल पुराने कुए को पुनर्जीवित कर दिया. महिला और पुरुषों का कहना है कि जब तक सरकार उन्हें पानी नहीं दे पाती, तब तक वह इस कुए से काम चलाएंगे. इसी खुशी में आज कुएं के ऊपर एक भंडारा भी लगाया गया और एक हवन यज्ञ किया गया।
क्या कहती हैं महिलाएं
गांव की महिलाओं का कहना है कि जब से वह इस गांव में आई हैं, उन्हें पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. दूर-दूर से सिर के ऊपर मटकों से खेतों से पानी लेकर आना पड़ रहा है. कई बार सरकार से गुहार लगाने के बाद भी पानी का कोई भी समाधान नहीं हो पाया है. उसके बाद गांव के पुरुषों और महिलाओं ने इकट्ठे होकर 100 साल पुराने कुए को एक बार फिर पीने योग्य बना दिया है. उसी खुशी में आज यहां एक हवन यज्ञ कीर्तन और भंडारे का आयोजन किया गया है. किलाजफरगढ़ के ग्रामीणों का कहना है कि कई बार सरकार से भी वह लोग गुहार लगा चुके हैं, लेकिन पीने के पानी की समस्या का समाधान नहीं हो पाया इसी को देखते हुए गांव के लोगों ने चंदा इकट्ठा कर गांव के 100 साल पुराने बंद पड़े हुए कुएं के पानी को एक बार फिर पीने योग्य बना दिया है।
लोगों ने लगाया भंडारा
इसी उपलक्ष में आज एक भंडारे का आयोजन किया गया और महिलाओं द्वारा एक सत्संग का भी आयोजन किया है. ग्रामीणों का कहना है कि यह हवन-यज्ञ कीर्तन करने से इंद्रदेव को भी प्रसन किया जा रहा है, ताकि बरसात हो जाए और फसलों में भी पानी की पूर्ति हो जाए।