शेयर मार्केट से अमीर बनने का तरीका, SIP में आ रहा है भारी निवेश, 1 ट्रिलियन रुपये के आंकड़े को छू सकता है

parmodkumar

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शेयर मार्केट में पिछले 3 सालों में बहुत अच्छा रिटर्न मिला है. इस दौरान कई स्टॉक मल्टीबैगर साबित हुए हैं. बाज़ार में उत्साहित निवेशक एसआईपी भी बड़ी संख्या में कर रहे हैं. मार्केट में एसआईपी के माध्यम से आने वाला निवेश लगातार बढ़ रहा है. आने वाले सालों में इसके 1 ट्रिलियन रुपये के आंकड़े को छूने का अनुमान है.

एक्सपर्ट्स मानते हैं कि मंथली सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान याने एसआईपी ने मार्केट को बहुत सहारा दिया है और यह एसआईपी शेयर मार्केट में वेल्थ क्रिएट करने का बड़ा माध्यम हो सकता है. आने वाले दिनों में एसआईपी निवेश कई गुना बढ़ सकता है.

भारतीय बाज़ारों की बढ़ोतरी को देखते हुए निवेशकों में एसआईपी के माध्यम से नई महत्वाकांक्षा उभर कर सामने आ रही है, जिसमें वर्ष 2030 तक व्यवस्थित निवेश योजनाओं (एसआईपी) के माध्यम से मंथली फंड फ्लो में 1 ट्रिलियन रुपए की प्रभावशाली प्राप्ति का लक्ष्य है. यह आंकड़ा पहले बहुत बड़ा लगता था, लेकिन पिछले कुछ माह में जिस तरह का फंड फ्लो एसआईपी से मार्केट में आ रहा है, उसे देखते हुए यह अचीवेबल लगता है. इसमें निवेशकों की बेहतर एजुकेशन, टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट और अपनी संपत्ति बनाने के लिए उत्सुक बढ़ते मध्यम वर्ग के संयोजन से बल मिल रहा है.

एसआईपी हुआ आसान

सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) ने भारत में निवेश की आदतों को बदल दिया है. एकमुश्त निवेश करने के बजाय, SIP व्यक्तियों को नियमित रूप से एक निश्चित राशि का योगदान करने में सक्षम बनाता है, चाहे वह मंथली, त्रैमासिक या वार्षिक हो, म्यूचुअल फंड स्कीम्स में ज़्यादातर इक्विटी में हो.

एसआईपी से निवेशकों का निवेश किए गए रुपए की लागत एवरेज होती जाती है, जो बाजार में उतार-चढ़ाव के प्रभावों को कम करने में मदद करती है. यह डिसिप्लिन इन्वेस्टमेंट करने का एक तरीका है. डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के आने के कारण SIP करना आसान हो गया है.साल 2024 के अंत तक भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने उल्लेखनीय वृद्धि का अनुभव किया है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के अनुसार, अक्टूबर 2024 तक मैनेजमेंट के तहत व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) खातों की कुल संख्या 10.12 करोड़ तक पहुंच गई और यह संख्या और बढ़ने की संभावना है. वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए, वित्तीय वर्ष के पहले सात महीनों के भीतर कुल SIP योगदान लगभग 1.59 लाख करोड़ रुपये था.

मंथली SIP निवेश ने महीने-दर-महीने के आधार पर लगातार सुधार दिखाया है. उदाहरण के लिए, अप्रैल 2024 में SIP निवेश 20,371 करोड़ रुपये था, जबकि अक्टूबर के आंकड़े बढ़कर 25,323 करोड़ रुपये हो गए, जो स्पष्ट रूप से भारतीयों द्वारा मासिक निवेश की जा रही राशि में लगातार वृद्धि का संकेत देता है. वर्तमान ग्रोथ साइकिल को देखते हुए, यह अनुमान लगाया गया है कि अतिरिक्त 1.4 से 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा. नवंबर 2024 से मार्च 2025 के बीच एसआईपी के जरिए 1.5 लाख करोड़ रुपये जोड़े जा सकते हैं.

यह असाधारण वृद्धि हमें 2025 के अंत तक मासिक SIP निवेश में रु. 0.5 ट्रिलियन प्राप्त करने के आकांक्षात्मक लक्ष्य के करीब लाती है. परिणामस्वरूप, 2030 के अंत तक मंथली SIP निवेश में रु. 1 ट्रिलियन तक पहुंचने के बारे में उम्मीदें मज़बूत हुई हैं.