पूर्व मंत्री बीरेंद्र व पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह का नाम लिए बिना कहा कि हमारी इच्छा रहती है कि कुछ अच्छे आदमी हों, उन्हें कीचड़ से निकालकर कमल की सवारी करा दें। कीचड़ में पड़े लोगों को कमल की सवारी कराने के लिए ले आते हैं, लेकिन क्या करें, उनकी नाक का नशा ही ऐसा है कि कमल की सुगंध पसंद आती नहीं और फिर से डूबती नैया में जा बैठे। मनोहरलाल ने जनता से पूछा कि डूबने के लिए बैठ गए हैं या नहीं? इन दोनों ने भाजपा को धोखा दिया है, जनता उन्हें सबक सिखाएगी।
बिना नाम लिए पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला पर निशाना साधते हुए मनोहरलाल ने कहा कि नौकरियां बिकने के मामले में एक मुख्यमंत्री को 10 साल जेल काटनी पड़ी। अब चाहे खुद को बेकसूर बताएं। चाहे केस किसी ने बनाया हो, फैसला तो जज ने ही सुनाया है। हमें सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के फैसलों का सम्मान करना चाहिए। कोई बात थी तभी उन्हें सजा हुई।
पूर्व सीएम ने कहा कि वर्ष 2014 में केंद्र व प्रदेश में सत्ता संभालने के बाद भाजपा ने जहां भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई। पहले लोगों में धारणा बन गई थी कि यदि हमें कोई काम करवाना है तो उस काम के हिसाब से अधिकारी या कर्मचारी को पैसे देने ही होंगे, तभी काम होगा लेकिन हमने उस धारणा को खत्म कर दिया। आजकल ऐसे भी एजेंट खड़े हो गए हैं कि 20 आदमियों से पैसे ले लो जिनकी नौकरी लग जाए उनके पैसे रख लो, बाकी के पैसे लौटा देते हैं। लोग उनकी तारीफ करते हैं कि आदमी ईमानदार है। किसी को पैसे देने की आज जरूरत नहीं है।