मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार के यहां छापेमारी हुई है। शलभ कुमार जो जल बोर्ड के पूर्व मेंबर रहे हैं। उनके यहां भी छापा मारा है। रिपोर्ट के मुताबिक, आम आदमी पार्टी के सांसद एनडी गुप्ता के आवास पर ईडी की छापेमारी चल रही है।
डीजेबी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जगदीश अरोड़ा और अनिल अग्रवाल की रिमांड बढ़ी
दिल्ली जल बोर्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार डीजेबी के सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता जगदीश अरोड़ा और ठेकेदार अनिल अग्रवाल की ईडी हिरासत अगले पांच दिनों के लिए बढ़ा दी गई। मामले की सुनवाई दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत में हुई। जगदीश अरोड़ा और अनिल अग्रवाल को दिल्ली जल बोर्ड को इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्लो मीटर की आपूर्ति से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया। उन्हें पांच दिन की हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद पेश किया गया था। ईडी ने दोनों की रिमांड बढ़ाने की मांग की थी, जिसे स्वीकार करते हुए अदालत ने दोनों की पांच दिनों के लिए रिमांड बढ़ा दी।
जल बोर्ड में भाजपा ने लगाया था घोटाले का आरोप
उन्होंने बताया था कि बोर्ड ने अपने 450 से अधिक बैंक खातों में से लगभग 110 को बैलेंस शीट में दिखाया ही नहीं है। इनमें 77 खातों में लगभग 100 करोड़ से अधिक की राशि पड़ी हुई है। कई खातों के आगे शून्य दिखाया गया है जबकि उनमें करोड़ों रुपये पड़े हैं। बोर्ड के हिसाब-किताब में लगभग 300 करोड़ रुपये के लेन-देन की जानकारी ही नहीं है। बोर्ड की 2018 की वित्तीय रिपोर्ट में 1,167 करोड़ रुपये का हिसाब-किताब ही नहीं है।
बैंक एडजस्टमेंट के नाम पर लगभग लगभग 117 करोड़ रुपये की एंट्री दिखाई गई है, जो कहीं से भी जायज नहीं लग रही है। लगभग 135 करोड़ रुपये की एफडी प्रमाणपत्रों की जानकारी भी उपलब्ध नहीं है। बोर्ड की वित्तीय स्टेटमेंट में खर्च नहीं होने वाली राशि में लगभग 1,601 करोड़ रुपये
भाजपा ने कहा था कि ऐसे में सवाल उठता है कि जब पैसा खर्च ही नहीं हुआ, तो पैसा खातों में क्यों नहीं है। लगभग 600 करोड़ रुपये के काम के लिए 12 हजार वर्क आर्डर निकालकर काम सौंपा भी गया। इसके अलावा गैरकानूनी तरीके से वाटर टैंकर का भुगतान किया गया, जिससे प्रोजेक्ट कॉस्ट 35 प्रतिशत बढ़ गई। बोर्ड ने टैंकर से वाटर सप्लाई के लिए लगभग 250 करोड़ रुपये बढ़ाकर भुगतान किया गया, जबकि इस मद में 637 करोड़ रुपये का ही भुगतान करना था।