पश्चिमी विक्षोभ के कारण हवा में नमी बढ़ने से बदलाव हो रहा है। अगर बारिश होती है तो लोगों को बढ़ते प्रदूषण से राहत मिल सकती है।
लंबे समय से खुश्क चल रहे मौसम में अब बदलाव की संभावना है। प्रदेश में एक हल्के पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव के चलते नौ नवंबर की देर रात से हरियाणा के कुछ जिलों में बूंदाबांदी या हल्की बारिश की संभावना है।
राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई) करनाल की जिला कृषि मौसम शाखा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ. पंकज कुमार सारस्वत ने बताया कि एक से 15 नवंबर तक गेहूं की बिजाई का सबसे उपयुक्त समय होता है। इस समय गेहूं की बिजाई अपने चरम पर है। अधिकतम तापमान 30 व न्यूनतन तापमान 15 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है, जो गेहूं बिजाई के लिए उत्तम स्थिति है।
नौ नवंबर की रात या फिर 10 नवंबर को हल्की बारिश या बूंदाबांदी की संभावना है। लेकिन हल्की बारिश से गेहूं की बिजाई पर कोई खास प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है बल्कि जहां नमी कम है, वहां खेतों में नमी होने से फायदा होगा। यदि अधिक बारिश होती है तो जरूर नुकसान हो सकता है।
इधर, चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ के अनुसार भी हरियाणा में नौ नवंबर को मौसम खुश्क रहने की संभावना है, लेकिन पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव के कारण नौ नवंबर देर रात्रि से या 10 नवंबर को कहीं-कहीं गरजचमक व हवाओं के साथ बूंदाबांदी की संभावना है। इसके बाद उत्तर पश्चिमी हवाएं चलने से रात्रि के तापमान में गिरावट संभव है।