पंजाब, चंडीगढ़ और हरियाणा में ऑटोमेटिक वेदर सिस्टम लगाए जा रहे हैं। वहीं, हिमाचल में 2 वेदर रडार लगेंगे। ये मौसम की सटीक जानकारी देंगे। इससे पता रहेगा कि हिमाचल के पहाड़ों में बादल बने या नही, बादलों की कितनी स्पीड है, हवा का रुख क्या है, मैदानों में बारिश की संभावना है या नहीं। हिमाचल प्रदेश में 2 वेदर रडार और लग रहे है। एक मंडी व एक डलहौजी में तैयार होगा। दोनों पहाड़ों के बीच होंगे। एक रडार कुफरी में पहले से है। अब इनकी कुल संख्या 3 हो जाएगी। मौसम विभाग के अनुसार हिमाचल प्रदेश के मंडी में रडार का काम अंतिम चरण पर है और यह सितंबर में चालू हो जाएगा। इसके अलावा डलहौजी में भी रडार का काम अभी शुरू होने वाला है। यह तीनों वेदर रडार 100 किलोमीटर की रेंज के हैं, लेकिन इनको 70 किलोमीटर रेंज में रखा जाएगा। विभाग पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में हर कोने की रिपोर्ट लेने के लिए 13 नए ऑटोमेटिक वेदर सिस्टम भी लगा रहा है। पंजाब में 8, हरियाणा में 4 व चंडीगढ़ में 1 ऑटोमेटिक वेदर सिस्टम लगेगा। तीनों राज्यों में मौसम विभाग की टीमें साइटों की सिलेक्शन में जुटी हुई है। विभाग का दावा है कि इनके तैयार होने से ऑनलाइन डाटा मॉनिटर करना, मौसम की करंट एक्टिविटी देखना और आसान हो जाएगा। इसके अलावा बारिश, हवा और तापमान की ताजा और सटीक जानकारी ऑटोमेटिक मिलेगी। इस सिस्टम से किसानों और पर्यटकों को सीधा लाभ होगा। इससे पहले पंजाब में 30, हरियाणा में 32 व चंडीगढ़ में 2 ऑटोमेटिक वेदर सिस्टम हैं।
पंजाब और हरियाणा में लगेंगे वेदर सिस्टम; बादल-हवा की चाल का मिलेगा ज्यादा सही हाल
Parmod Kumar