हरियाणा में मौसम ने ली करवट: फतेहाबाद में 15 एमएम व रतिया में हुई 17 एमएम बारिश, लाखों क्विंटल धान भीगा

lalita soni

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फतेहाबाद में सुबह करीब 5.30 बजे बारिश आनी शुरू हुई। करीब एक घंटे तक बारिश होती रही। सबसे अधिक रतिया में 17 एमएम और फतेहाबाद शहरी क्षेत्र में 15 एमएम बारिश हुई है। बारिश के पानी की निकासी की पिछले दिनों आई समस्या का समाधान अभी तक नगर परिषद व जनस्वास्थ्य विभाग ने नहीं निकाला है।

Fifteen mm rain in Fatehabad and 17 mm rain in Ratia, lakhs of quintals of paddy got wet

फतेहाबाद में सोमवार सुबह मौसम ने करवट बदली। पहले तेज आंधी और फिर गर्जना के साथ बिजली चमकती रही। कुछ ही देर में जिला मुख्यालय के शहरी क्षेत्र में 15 एमएम बारिश हुई। इससे जहां शहर में जलभराव हो गया। वहीं, अनाज मंडियों में खुले में रखी धान की फसल भी भीग गई। अभी भी खुले आसमान के नीचे 10 लाख क्विंटल से अधिक धान पड़ा है। उठान की बेहद धीमी गति के कारण किसानों को नुकसान उठाना पड़ा है। अब भीगी हुई धान की नमी बढ़ेगी। इसे सुखाने में समय लगेगा, जिससे किसानों को फसल बेचने के लिए इंतजार करना पड़ेगा।

सुबह करीब 5.30 बजे बारिश आनी शुरू हुई। करीब एक घंटे तक बारिश होती रही। सबसे अधिक रतिया में 17 एमएम और फतेहाबाद शहरी क्षेत्र में 15 एमएम बारिश हुई है। इसके अलावा कुलां में 11 एमएम, जाखल में 7 एमएम और टोहाना में 3 एमएम, भूना में 4 एमएम, भट्टू कलां में 4 एमएम बारिश दर्ज की गई। बारिश के बाद अधिकतम तापमान में चार डिग्री जबकि न्यूनतम तापमान में दो डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। रविवार को अधिकतम तापमान 32 डिग्री रहा जबकि सोमवार को 28 डिग्री सेल्सियस रहा।
शहर में जलभराव से जूझते रहे शहरवासी
बारिश के पानी की निकासी की पिछले दिनों आई समस्या का समाधान अभी तक नगर परिषद व जनस्वास्थ्य विभाग ने नहीं निकाला है। इस कारण 15 एमएम बारिश से हुए जलभराव में लोग जूझते नजर आए। जवाहर चौक, थाना रोड, फव्वारा चौक के पास पानी भरा होने से सुबह दुकानदारों को भी परेशानी झेलनी पड़ी। शहरवासी निरंजन सिंह, देवेंद्र कुमार, लालचंद, भगतसिंह, दिनेश कुमार, दीपक, नरेंद्र आदि ने बताया कि पहले चिल्ली झील में शहर से बारिश के पानी को डालकर वहां से रंगोई नाले में भेजा जाता था। मगर पिछले दिनों चिल्ली झील की तरफ जाने वाले रास्ते को निजी जमीन मालिक ने बंद कर दिया था। इसके बाद अभी तक नगर परिषद प्रशासन ने कोई समाधान नहीं निकाला। जिस कारण अब पहली बारिश ने ही जलभराव से जूझने को मजबूर कर दिया।