गुरुग्राम: देश की कॉरपोरेट राजधानी कही जाने वाली गुरुग्राम की चमचमाती इमारतों और ऊंची सैलरी के पीछे की एक कड़वी सच्चाई सोशल मीडिया पर उजागर हुई है। एक कंसल्टिंग फर्म में काम करने वाली युवती ने हाल ही में ‘rGurgaon’ सबरेडिट पर अपना अनुभव साझा किया। उसकी ये पोस्ट देखते ही देखते वायरल हो गई। युवती ने इस पोस्ट में लिखा है कि गुरुग्राम में नया फ्लैट रेंट लिया और अब समझ आ रहा है कि यह शहर पैसों पर चलता है, इंसानियत पर नहीं। उसने बताया कि जब उसने किराये पर फ्लैट लिया तो उसे लगा कि यह सामान्य किराये का सौदा होगा। ब्रोकर ने कहा एक महीने का किराया, एक महीने की सिक्योरिटी और एक महीने की ब्रोकरेज लगेगा। उसे यह शर्तें ठीक लगीं। लेकिन, जैसे ही उसने हां कहा और अपनी सैलरी स्लिप (65,000/महीना) साझा की, सबकुछ बदल गया।
उसने बताया कि पहले ब्रोकरेज 5,500 रुपये बताया गया था, लेकिन जैसे ही उसे पता चला कि मैं कहां काम करती हूं, उसने रकम बढ़ाकर 7,500 कर दी। जैसे ज्यादा कमाने का मतलब है कि मेरे पास पैसे पड़े हैं। युवती ने आगे लिखा कि उसे बताया गया कि 15,000 रुपये किराया, 15,000 रुपये सिक्योरिटी और इसके अलावा आर ओ और रेफ्रिजरेटर के लिए भी अलग चार्ज देना पड़ा। युवती ने खुलासा किया कि वह डेब्ट रेजोल्यूशन प्लान के तहत अपनी EMI और लोन चुका रही है। यह मेरी पहली सैलरी थी, जिसमें से लगभग हर रुपया पहले से बंधा हुआ था। लेकिन उन्हें यह देखकर लगा कि मुझसे और पैसा निकाला जा सकता है।
उसने लिखा कि ब्रोकर ने बताया कि मकान मालिक बहुत अमीर हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने 15 दिन की अतिरिक्त सिक्योरिटी मांगी और बिजली दर 9 से बढ़ाकर 10 रुपये प्रति यूनिट कर दी। मेरे पिछले मकान मालिक ने भी मुझसे ने भी मुझसे ऐसे ही कुछ चीजों के लिए पैसे मांगे। जबकि उसने पहले से 30,000 सिक्योरिटी रखी हुई थी, जिसमें 18,000 का अंतिम महीने का किराया भी शामिल था। फिर भी उसने 1,890 और मांगे। मैं थक चुकी थी, इसलिए बहस भी नहीं की, बस पैसे दे दिए।
यूजर्स ने किए कमेंट
इस पोस्ट पर हजारों यूज़र्स ने अपनी राय दी। एक यूज़र ने लिखा कि सच कहा। सिर्फ गुरुग्राम नहीं, आजकल दुनिया इसी तरह चलती है। कभी अपनी सैलरी या निजी जानकारी किसी को मत बताओ। दूसरे ने लिखा कि गुरुग्राम में लोग सवाल नहीं पूछते, बस मांगी गई रकम दे देते हैं। अगर पूछो, तो जवाब बदतमीज़ी में मिलेगा। वहीं एक यूजर ने लिखा कि लगता है आप NCR में नई हैं। अपनी आय कभी न बताएं, हमेशा नेगोशिएट करें और ब्रोकरेज 15 दिन से ज्यादा न दें। कोशिश करें कि सीधे मकान मालिक से डील करें, क्योंकि यह आपका मेहनत का पैसा है।














































