राहुल गांधी ने लेख में ऐसा क्या लिखा जो भड़क गए शाही परिवार, ज्योतिरादित्य सिंधिया और दीया कुमारी ने घेर लिए !

parmodkumar

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नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी एक बार फिर मुश्किल में फंसते दिख रहे हैं। द इंडियन एक्सप्रेस में छपे एक लेख ने उनके लिए परेशानी खड़ी कर दी है। इस लेख की चंद लाइनों को लेकर राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उदयपुर के राजा लक्ष्य सिंह मेवार ने खूब निशाना साधा है। राहुल गांधी ने अपने लेख में वर्तमान व्यापार और बाजार परिदृश्य पर विचार प्रस्तुत किए थे। राहुल के विचार बीजेपी और एनडीए सरकार को पसंद नहीं आए। आइए जानते हैं दीया कुमारी और सिंधिया सहित बाकी लोग राहुल पर इतना निशाना क्यों साध रहे हैं?

बुधवार को, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक्स पर अपना लेख साझा करते हुए लिखा कि अपना भारत चुनें निष्पक्ष खेल या एकाधिकार? नौकरियां या कुलीनतंत्र? योग्यता या रिश्ते? नवाचार या डरा-धमकाना? बहुतों के लिए धन या कुछ चुनिंदा लोगों के लिए? मैं इस बारे में लिख रहा हूं कि व्यापार के लिए एक नया समझौता सिर्फ एक विकल्प नहीं है, यह भारत का भविष्य है।
राहुल गांधी ने लेख लिखा कि ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत को चुप करा दीया था। यह अपने व्यापारिक कौशल से नहीं, बल्कि अपने दबदबे से चुप कराया गया था। कंपनी ने हमारे अधिक लचीले महाराजाओं और नवाबों के साथ साझेदारी करके, रिश्वत देकर और धमकाकर भारत का गला घोंटा। इसने हमारे बैंकिंग, नौकरशाही और सूचना नेटवर्क को नियंत्रित किया। हमने अपनी आजादी किसी अन्य राष्ट्र से नहीं खोई; हमने इसे एक एकाधिकारवादी निगम से खो दीया जिसने एक जबरदस्ती तंत्र चलाया।
सिंधिया, दीया कुमारी भड़के
राहुल गांधी के लेख की पहली 4 लाइनों ने राजशाही परिवार के लोगोंस को नाराज कर दीया है। राजस्थान की डिप्टी सीएम और जयपुर के पूर्व शाही परिवार की सदस्य दीया कुमारी ने एक्स हैंडल से राहुल गांधी पर निशाना साधा। दीया कुमारी ने लिखा कि मैं संपादकीय में राहुल गांधी की ओर से भारत के पूर्व शाही परिवारों को बदनाम करने के प्रयास की कड़ी निंदा करती हूं। उन्होंने आगे कहा कि एकजुट भारत का सपना भारत के पूर्व शाही परिवारों के अत्यधिक बलिदान के कारण ही संभव हो सका। ऐतिहासिक तथ्यों की अधूरी व्याख्या के आधार पर किए गए निराधार आरोप पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं।