वर्तमान रबी सीजन में गेहूं की बुवाई क्षेत्र में कमी आई है. कृषि मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों से पता चलता है कि रबी सीजन 2021-22 में दलहन और तिलहन की फसलों को छोड़कर बाकी अन्य सभी रबी फसलों का रकबा घटा है. गेहूं के रकबे में कोई विशेष कमी नहीं आई है, लेकिन तिलहन का क्षेत्र करीब 19 लाख हेक्टेयर तक बढ़ा है. कृषि विशेषज्ञ इसे एक अच्छा संकेत मान रहे हैं.
फसल विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, देश में 28 जनवरी 2022 तक 342.37 लाख हेक्टेयर रकबे में गेहूं की बुवाई हुई है जबकि समान अवधि में बीते साल 345. 86 लाख हेक्टेयर में किसानों ने गेहूं की खेती की थी. इस तरह 3.49 लाख हेक्टेयर की कमी दर्ज हुई है. गेहूं रबी सीजन की प्रमुख फसल है और भले ही इस बार रकबे में कमी दर्ज हुई है लेकिन इस सीजन में सबसे ज्यादा क्षेत्र में बोई जाने वाली फसल है.
धान, पोषण युक्त और मोटे अनाज का रकबा भी घटा
रबी सीजन में होने वाली धान की खेती में भी कमी दर्ज हुई है. पिछले साल के मुकाबले धान के रकबे में 6.74 लाख हेक्टेयर की कमी दर्ज हुई है. पिछले रबी सीजन में 34.90 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की रोपाई हुई थी. इस बार यह आंकड़ा 28.16 लाख हेक्टेयर हो गया है. आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना सरकार की तरफ से रबी सीजन में धान की खेती पर रोक और अन्य राज्यों में धान की जगह वैकल्पिक फसलों की खेती को प्रोत्साहित करने के कारण धान का रकबा घटा है. पोषण युक्त और मोटे अनाज के रकबे में भी कमी आई है जबकि सरकार लगातार इन फसलों की खेती को प्रोत्साहित कर रही है.
सरसों और चना के क्षेत्र में हुई है बढ़ोतरी
वर्तमान रबी सीजन में सिर्फ दलहन और तिलहन के रकबे में बढ़ोतरी दर्ज हुई है. दलहन के रकबे में मामूली वृद्धि दर्ज हुई है. लेकिन तिलहन के रकबे में 18.85 लाख हेक्टेयर की जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज हुई है. तिलहनी फसलों में सरसों का रकबा सबसे अधिक बढ़ा है और बुवाई का क्षेत्र 91 लाख हेक्टेयर से ऊपर पहुंच गया है. वहीं दलहन की बात करें तो इसके रकबे में 1.58 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की बढ़ोतरी दर्ज हुई है. लेकिन दलहनी फसलों में चना का रकबा 4.24 लाख हेक्टेयर क्षेत्र बढ़ा है.