करीब 30 बसों के रुके पहिये, राजस्व का भी नुकसान

parmod kumar

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रोडवेज के पानीपत डिपो में परिचालकों का टोटा

करीब 30 बसों के रुके पहिये, राजस्व का भी नुकसान

रोडवेज के पानीपत डिपो को परिचालकों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। कंडक्टरों की कमी के चलते डिपो की करीब 30 बसें चल नहीं पा रही हैं और वे बस अड्डेे पर ही खड़ी रहकर डिपो की शोभा बढ़ा रही हैं। इन बसों के नहीं चलने से जहां पानीपत डिपो को राजस्व का नुकसान हो रहा है, वहीं सभी रूटों पर बसों के नहीं चलने से यात्रियों को भी परेशानी हो रही है।

हालांकि पानीपत डिपो में तीन दिन पहले ही कौशल रोजगार निगम से 15 परिचालक आये हैं और उनकी अभी ट्रेनिंग चल रही है। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद ही इन अंडर ट्रेनिंग परिचालकों को बसों पर भेजा जा सकता है। लेकिन इन 15 परिचालकों के आने के बाद भी पानीपत डिपो में कंडक्टरों की कमी पूरी होने वाली नहीं है। फिर भी करीब 20 बसें परिचालकों की कमी होने पर बस अड्डे पर खड़ी रहेंगी। रोडवेज अधिकारियों के अनुसार पानीपत डिपो में 163 बसें है और उनमें से अभी करीब 132 बसें ही चल रही हैं। पानीपत डिपो पर परिचालकों की कमी के चलते औसतन रोजाना 30-32 बसें खड़ी रहती हैं। कौशल रोजगार निगम के अंडर ट्रेनिंग परिचालकों के ड्यूटी संभालने पर खड़ी रहने वाली बसों की संख्या जरूर घटकर करीब 20 हो जाएगी। पानीपत डिपो की सभी बसें चलने लगेंगी तो रोडवेज के राजस्व में इजाफा होगा।

सरकार को परिचालकों की करनी चाहिए पक्की भर्ती

हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन संबंधित एसकेएस के प्रधान सुलतान मलिक ने कहा कि सरकार को परिचालकों को कौशल रोजगार निगम से लेने के बजाय उनकी पक्की भर्ती करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2008 में करीब 1900 और 2012 में करीब 1400 परिचालकों की बड़ी भर्तियां हुई थीं और उसके बाद परिचालकों की कोई बड़े स्तर पर भर्ती नहीं हुई।

पानीपत डिपो के जीएम बोले

पानीपत डिपो के जीएम कुलदीप जांगड़ा ने माना कि परिचालकों की कमी की वजह से रोडवेज की कुछ बसें खड़ी रहती हैं। उन्होंने बताया कि अभी हाल ही में कौशल रोजगार निगम से 15 परिचालक आये है और उनकी ट्रेनिंग पूरी होते ही उनको बसों पर रवाना कर दिया जाएगा। जीएम ने बताया कि उन्होंने मुख्यालय में और भी परिचालकों की मांग की हुई है और उम्मीद है कि जल्द ही और परिचालक भी आ जाएंगे।