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हाथ से उठाई झुलसी बच्ची तो रूह कांप उठी, दो लोगों की जिंदा जलकर मौत; जलती बस का मंजर था खौफनाक

lalita soni

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Delhi Jaipur Highway Bus Fire रात आठ बजे दिल्ली जयपुर हाईवे पर जैसे ही बस में आग की लपटें उठानी शुरू हुईं तो आसपास लोगों का जमावड़ा लग गया। आनन फानन लोगों ने फायर ब्रिगेड और पुलिस को सूचना दी। यहां से गुजर रहे मनोज कुमार व बृजेश वशिष्ठ सहित अन्य राहगीरों ने फायर ब्रिगेड के साथ मिलकर आग बुझाने में मदद की।

Gurugram Bus Fire: हाथ से उठाई झुलसी बच्ची तो रूह कांप उठी, दो लोगों की जिंदा जलकर मौत; जलती बस का मंजर था खौफनाक
  1. फायर ब्रिगेड के साथ-साथ मनोज कुमार की टीम ने भी आग बुझाने में की मदद।
  2. पुलिस कर्मियों के साथ मिलकर बस से झुलसे हुए लोगों को बाहर निकाला, बताया ऐसा मंजर कभी नहीं देखा।

 रात आठ बजे दिल्ली जयपुर हाईवे पर जैसे ही बस में आग की लपटें उठानी शुरू हुईं तो आसपास लोगों का जमावड़ा लग गया। आनन फानन में लोगों ने फायर ब्रिगेड और पुलिस को सूचना दी। यहां से गुजर रहे मनोज कुमार व बृजेश वशिष्ठ सहित अन्य राहगीरों ने फायर ब्रिगेड के साथ मिलकर आग बुझाने में मदद की।

मनोज ने बताया उन्होंने बस के अंदर चिल्ला रही एक बच्ची को अपने हाथों से बस से बाहर निकाला तो उनकी रूह कांप उठी। कहा कि ऐसा मंजर पहले कभी नहीं देखा।

प्रत्यक्षदर्शी मनोज ने बताया कि वह जयपुर की तरफ जा रहे थे। इसी दौरान बस में आग की लपटें निकलती देखीं। घटना के दौरान बस से कूदे कुछ श्रमिकों ने उन्हें बताया कि पीछे के हिस्से से आग लगनी शुरू हुई थी। बस में मौजूद लोगों ने ड्राइवर को इसके बारे में बताया भी, लेकिन जब तक वह गाड़ी रोकता तब तक आग की लपटों ने बस को घेर लिया था।

चीख पुकार के बीच कुछ लोगों ने बस के शीशे तोड़ दिए। क्योंकि यहां फ्लाईओवर था तो एक तरफ से निकलना मुश्किल था, दूसरी तरफ हाईवे पर वाहन भी गुजर रहे थे ऐसे में बाहर निकलना मुश्किल हो रहा था। कड़ी मशक्कत के बाद कुछ लोगों को खिड़कियों से बाहर निकाला जा सका।

इसमें कई लोग झुलस चुके थे। कुछ लोग अंदर फंसे थे, उन्हें आग बुझाने का बाद निकाला गया। 15 लोग गंभीर रूप से झुलस चुके थे। मनोज और अन्य लोगों ने झुलसे लोगों को बाहर निकाल कर यहां से निकल रहे वाहनों को रोककर उसमें बिठाया और अस्पताल की तरफ रवाना किया।

वाहन चालकों ने भी अपना दिल बड़ा करते हुए कई लोगों को अस्पताल तक पहुंचाया। गांव पथरेड़ी के रहने वाले बृजेश वशिष्ठ ने बताया वह सेक्टर-29 में संचालित एक कंपनी में काम करते हैं। ड्यूटी कर वापस अपने छोटे भाई के साथ कार से गांव लौट रहे थे। बस में धुआं निकलता देख कार साइड में की। लोग अंदर से चिल्ला रहे थे।

बस में काफी सामान भरा हुआ था। सात से आठ मिनट के भीतर ही आग ने भीषण रूप धारण कर लिया था। बस का दरवाजा नहीं खुलने की वजह से कुछ लोग उसमें फंसे रह गए। चालक और परिचालक को भागने की बजाय सहायता करनी चाहिए थी।

बस रोक कर भागा चालक और सहचालक

बस में सभी श्रमिक सवार थे। गुरुग्राम के सेक्टर 12 में कई महीनों से काम पर लगे थे। दीवाली मनाने के लिए सभी अपने परिवार के साथ घर हमीरपुर जा रहे थे। आग लगने की जानकारी मिलने के बाद चालक ने बस को हाईवे पर ही सड़क के किनारे रोक दिया और बस से उतरकर भाग निकला। उसके साथ-साथ सहचालक भी फरार हो गया। पुलिस की एक टीम ड्राइवर का नाम पता खोज कर उसकी तलाश करने में जुटी हुई है।

अस्पताल में भी टीम अलर्ट

जैसे ही पुलिस को आग लगने की सूचना मिली तुरंत ही सिविल अस्पताल के कर्मचारियों को अलर्ट मोड पर रख दिया गया। लोगों के पहुंचने के तुरंत ही उनका इलाज शुरू किया गया। वहीं इस घटना में एक बच्ची और महिला इतनी बुरी तरह से झुलस गए कि उनकी पहचान नहीं हो पाई। बस में रखा सारा सामान जल गया।

अग्निशमन विभाग के उपनिदेशक गुलशन कालरा का कहना है कि मामले की बारीकी से जांच कराई जाएगी। फिलहाल यह पता नहीं चल सका है कि किस वजह से आग लगी थी। तीन गाड़ियां मौके पर पहुंची थीं।