शेयर बाजार में कब अस्त होगा गिरावट का सूर्य? पैसा लगाने वाले मिस न करें मनीकंट्रोल सर्वे का निचोड़ !

parmodkumar

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नई दिल्ली. शेयर बाज़ार में गिरावट कोई नई बात नहीं है, बल्कि यह एक मार्केट का स्वभाव है और बाजार के चक्र का एक हिस्सा है. गिरावट समझदार निवेशकों को बेहतर कीमत पर अच्छे शेयर खरीदने का मौका देती है. हाल के समय में भारतीय शेयर बाजार काफी ऊंचाई पर था, जिसे विशेषज्ञ भी महंगा मान रहे थे. अब भी कई एक्सपर्ट इसे काफी महंगा मानकर चल रहे हैं और अब तक हो चुकी गिरावट को काफी नहीं मानते. वे कहते हैं कि शेयर बाजार यहां से भी 10 प्रतिशत और नीचे जा सकता है. मनीकंट्रोल के एक पोल (MC Market Poll) में तो कम से कम ऐसा ही निकलकर आया है.

मनीकंट्रोल मार्केट पोल की शुरुआत वर्ल्ड फेमस फंड मैनेजर पीटर लिंच के एक वाक्य से की गई है- “आपको यह जानना जरूरी है कि कभी-कभी बाजार नीचे जाएगा. अगर आप इसके लिए तैयार नहीं हैं, तो आपको शेयर बाजार से दूर रहना चाहिए. और जब बाजार में गिरावट होती है, तो यह अच्छा ही है.” हालांकि इस वाक्य में पूरा का पूरा सार दिया गया है और समझदार निवेशक इसमें पूरा विश्वास भी रखते हैं.

क्या कहता है सर्वे का परिणाम
सर्वे के मुताबिक, विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय बाजार फिलहाल “महंगा” है, और इससे 10 प्रतिशत की गिरावट और देखी जा सकती है. यहां तक कि कुछ विशेषज्ञ 20 प्रतिशत तक की गिरावट की संभावना भी जता रहे हैं, जबकि Sensex और Nifty पहले से ही अपने उच्चतम स्तर से करीब 5 प्रतिशत नीचे हैं.

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 52 प्रतिशत विशेषज्ञों का मानना है कि पश्चिम एशिया में चल रही भू-राजनीतिक घटनाओं और चीन की ओर से अपनी इकॉनमी को उठाने के लिए दिए गए पैकेज भारतीय शेयर बाजार के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन सकते हैं.

इस पोल में 24 से अधिक विशेषज्ञों ने भाग लिया. इनमें विश्लेषक, ट्रेडर्स, फंड मैनेजर और निवेश सलाहकार शामिल थे. 64 प्रतिशत विशेषज्ञों ने माना कि भारतीय बाजार मौजूदा समय में महंगा है, जबकि 36 प्रतिशत ने इसे उचित बताया. दिलचस्प बात यह है कि किसी ने भी इसे सस्ता नहीं कहा.

विशेष रूप से भारतीय शेयर बाजार के सामने मौजूदा जोखिमों में सबसे बड़ा जोखिम 44 प्रतिशत विशेषज्ञों के अनुसार हायर वैल्यूएशन (उच्च मूल्यांकन) है, जबकि 36 प्रतिशत ने कमाई में गिरावट और 20 प्रतिशत ने भू-राजनीतिक जोखिमों को प्रमुख माना.

चीन के प्रयास और भारतीय बाजार
बाज़ार के दिग्गज शंकर शर्मा ने हाल ही में कहा था कि भारतीय बाजार ने अपनी वास्तविक क्षमता से कहीं अधिक तेजी दिखाई है, और अब इसमें ठहराव का समय है. पिछले एक साल में यह बाजार प्रदर्शन के मामले में सबसे बेहतर था, लेकिन अब चीन ने भी अपनी अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा डाली है, जिससे भारतीय बाजार के लिए चुनौती खड़ी हो गई है.

दरअसल, चीन ने हाल ही में अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं. इसमें चीन के सेंट्रल बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती और बैंकों के लिए 50 बेसिस प्वाइंट की आवश्यकत आरक्षित अनुपात (RRR) में कमी शामिल है. भारत में इसे रिजर्व रेश्यो कहा जाता है. इन उपायों के चलते चीन की अर्थव्यवस्था में करीब 142 बिलियन डॉलर (लगभग ₹11.8 लाख करोड़) की नकदी डाली गई है.

क्या 23000 के भी नीचे रह जाएगा निफ्टी?
सर्वे में 48 प्रतिशत विशेषज्ञों ने कहा कि Nifty इस कैलेंडर वर्ष के अंत तक 25000 से 27000 के बीच बंद हो सकता है. 32 प्रतिशत का मानना है कि यह 23000 से 25000 के बीच रहेगा, जबकि 16 प्रतिशत का मानना है कि यह 23000 से नीचे आ सकता है.

सर्वे में 72 प्रतिशत विशेषज्ञों ने कहा कि मौजूदा स्तर से 10 प्रतिशत की गिरावट संभव है, जबकि 16 प्रतिशत का मानना है कि यह गिरावट 10 से 20 प्रतिशत के बीच हो सकती है. 12 प्रतिशत विशेषज्ञों ने 20 प्रतिशत से अधिक की गिरावट की संभावना जताई.

बड़ी कंपनियों में निवेश की सलाह
आप एक्सपर्ट्स की राय जानकर निराश न हों. क्योंकि गिरावट आपको अच्छे शेयरों में निवेश करने का एक अच्छा अवसर भी देती है. वॉरेन बफेट ने कहा था, “बाजार की गिरावट हमें परेशान नहीं करती. यह हमारे लिए अच्छी कंपनियों में बेहतर कीमत पर हिस्सेदारी बढ़ाने का अवसर है.” तो पैसा कहां लगाना चाहिए?

शेयर बाजार क्या है? इसमें पैसा लगाने का क्या फायदा?

सर्वे में शामिल अधिकांश विशेषज्ञों का मानना है कि इस समय निवेश करने के लिए बड़ी कंपनियां (लार्ज-कैप) सबसे सुरक्षित विकल्प हैं. 76 प्रतिशत ने कहा कि वे लार्ज-कैप शेयरों में निवेश करेंगे, जबकि 24 प्रतिशत ने स्मॉल-कैप या मिड-कैप शेयरों में दांव लगाने की बात कही.

हालांकि अभी तक स्मॉल-कैप और मिड-कैप शेयरों में भारी निवेश हो रहा था, लेकिन अब निवेशकों का रुख बदलता नजर आ रहा है. बाजार में अनिश्चितता और जोखिमों को देखते हुए निवेशक अब सुरक्षित और लॉन्ग टर्म निवेश पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.

भारतीय शेयर बाजार में आगे भी अनिश्चितता बने रहने की आशंका है. विशेषज्ञों की राय है कि निकट भविष्य में बाजार में करेक्शन (गिरावट) संभव है. हालांकि, यह गिरावट उन निवेशकों के लिए एक अच्छा अवसर हो सकती है जो लॉन्ग टर्म निवेश पर ध्यान केंद्रित करते हैं और मजबूत कंपनियों में निवेश करते हैं