शादी को लेकर हर किसी की अपनी सोच होती है। बदलते वक्त में लोग अब अकेले रहना ज्यादा पसंद करने लगे हैं। बिना किसी जिम्मेदारी आजादी के साथ जीना युवाओं को ज्यादा पंसद आ रहा है। जो, लोग किसी की रोक-टोक को नहीं सह सकते हैं वो शादी से कोसो दूर रहते हैं। आपको बता दें साल 2020 में हुए सर्वे से पता चला था कि भारत में ही 42 प्रतिशत युवा शादी नहीं करना चाहते हैं।
अब अगर शादी को उम्र से जोड़ दिया जाए तो शायद युवाओं की सोच बदल सकती है। दरअसल हाल ही में शादीशुदा मर्द और सिंगल लड़कों की उम्र को लेकर स्टडी की गई है। इस रिसर्च के बारे में हर किसी को जानना चाहिए, ताकि वह शादी करने और सिंगल रहने के फैसले पर ठीक से विचार कर सकें। और, समय निकलने के बाद किसी भी तरह का अफसोस ना हो।
जामा नेटवर्क ओपन में पब्लिश स्टडी के मुताबिक शादीशुदा मर्दों की उम्र सिंगल लड़कों से ज्यादा होती है। रिपोर्ट कहती है कि शादीशुदा पुरुषों में डेथ करीब 15 प्रतिशत कम होता है। जबकि तलाकशुदा और कुंवारे लड़कों में लाइफ एक्सपेक्टेंसी कम रहती है। जिस वजह से उनकी उम्र भी कम होती है।
एशिया में 50 से लेकर 60 साल की उम्र वाले 6 लाख 23 हजार लोगों से बात कर उनकी हेल्थ पर स्टडी की गई है। जापानी रिचर्सर ने 15 साल के ड्यूरेशन में इस रिसर्च को कंप्लीट किया। जिसमें यह बात सामने आई कि शादीशुदा जोड़ों को एक्सीडेंट, चोट या हार्ट डिजीज से मरने की गुंजाइश भी 20 प्रतिशत कम रहती है।
दरअसल शादीशुदा लोग अपनी लाइफ का रिस्क कम लेते हैं। इस वजह से अल्कोहल, ड्रग्स, एक्सीडेंट की वजह से उनकी मौत का जोखिम कम होता है। इसके अलावा शादी का एक पॉजिटिव इफेक्ट भी होता है। कि उन्हें पार्टनर का मोटिवेशन मिलता है। शादीशुदा पुरुषों को उनकी पत्तियां हेल्थ ट्रीटमेंट लेने के लिए भी इस्पायर करती हैं। अपनी पत्नी और बच्चों के खातिर मर्द भी अपना ख्याल रखते हैं।
कुंवारे लड़कों पर फाइनेंशियल बर्डन होता है और फाइनेंशियली स्टेबल नहीं होते हैं। इसलिए अपने ऊपर या हेल्थ का खास ध्यान रखते हैं। पत्नी या बच्चे नहीं होने की वजह से उन्हें लाइफ में आगे बढ़ने और परिवार के खातिर जिंदा रहने का मोटिवेशन भी नहीं मिलता है। बेपरवाह होकर रहने वाले लड़के अपनी लाइफ को लेकर भी सीरियस नहीं होते हैं। नतीजन उनकी उम्र पर इसका असर भी पड़ता है।
















































