पीएम किसान स्कीम के तहत बजट में 10,000 करोड़ की कटौती के बाद भी क्यों खर्च नहीं हुई पूरी रकम

Parmod Kumar

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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम की जब शुरुआत की गई तो इस पर केंद्र सरकार ने सालाना 75,000 करोड़ रुपये खर्च करने का प्लान बनाया था. लेकिन, क्या आपको पता है कि इतनी राशि किसी भी साल में खर्च ही नहीं हुई. यही नहीं सरकार ने इसके बजट में 10,000 करोड़ की कटौती कर करके इस लक्ष्य को 65000 करोड़ कर दिया. इसके बावजूद इतनी रकम किसी भी साल में खर्च नहीं हुई. इस स्कीम के तहत 2020-21 में किसानों के खाते में सबसे अधिक 61091 करोड़ रुपये की रकम खर्च की गई. लेकिन ऐसा होने में सरकार की कोई गलती नहीं है. दरअसल, पात्र किसान ही नहीं मिले. अब केंद्र ने राज्यों को किसानों का रजिस्ट्रेशन बढ़ाने की सलाह दी है.

सरकार की तमाम कोशिशों के बाद अब तक इसके 11.5 करोड़ ही लाभार्थी हो पाए हैं. जबकि सभी 14.5 करोड़ किसानों को पैसा देने का लक्ष्य था. दरअसल, यह 100 फीसदी केद्रीय फंड की योजना है, लेकिन कौन किसान है और कौन नहीं, इसे तय करना राज्यों का काम है. ऐसे में जितने किसानों का नाम वेरिफाई होकर आया, केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने उन सभी को पैसा ट्रांसफर किया. दिल्ली और पश्चिम बंगाल में इस योजना को काफी देर से लागू किया गया.

पीएम किसान की रकम में वृद्धि की राजनीति

अब इसकी रकम में वृद्धि करने की मांग हो रही है, लेकिन केंद्र सरकार ने ऐसा करने से मना कर दिया है. राजनीतिक दल इसे सालाना 12000 से 24000 रुपये तक करने की मांग कर रहे हैं. इसे देखते हुए राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख जयंत चौधरी ने कहा है कि यूपी में उनकी सरकार आई तो पीएम किसान की रकम 6000 के बदले 12000 रुपये होगी. साथ ही लघु और सीमांत किसानों को 15000 की आर्थिक मदद अलग से भी दी जाएगी.

पीएम किसान स्कीम के तहत किसानों की गई रकम

वित्तीय वर्षवितरण (करोड़ रुपये)
2018-196005
2019-2049196
2020-2161091
2021-2245249
कुल 1,61,541 करोड़
(2021-22 में 08 दिसंबर 2021 तक)Source: Ministry of Agriculture

 

केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने किसानों को 10वीं किस्त का पैसा भेजने से पहले योजना के बारे में एक बार फिर पूरी जानकारी दी है. यदि आप किसान हैं तो आपको इसे समझने की जरूरत है.

>>प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि केंद्रीय क्षेत्र की एक योजना है, जिसे 1 दिसंबर, 2018 से देश भर में भूमिधारक किसान परिवारों को आर्थिक मदद देने के लिए शुरू किया गया.

>>योजना के तहत किसानों के बैंक खातों में 2000 रुपए की तीन किस्त यानी 6000 रुपए प्रति वर्ष दिए जा रहे हैं.

>>पीएम-किसान योजना के लाभार्थियों को केंद्र सरकार या राज्य सरकारों द्वारा लागू की गई किसी अन्य योजना का लाभ प्राप्त करने से वंचित नहीं किया जाता है.

>>यह स्कीम के तहत लाभार्थियों की पहचान करने और उनके सही और सत्यापित डेटा को पीएम – किसान वेब पोर्टल पर अपलोड करने की जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकारों की है.

>>पीएम-किसान वेब पोर्टल पर प्राप्त डेटा आधार, पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम, आयकर जैसे सत्यापन और सर्टिफिकेशन के विभिन्न स्तरों से गुजरता है.

>>इस तरह के सत्यापन के बाद ही योजना का लाभ लाभार्थियों को सीधे उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया जा रहा है.

>>पीएम-किसान योजना के तहत नामांकन के लिए किसान को राज्य सरकार के स्थानीय पटवारी, राजस्व अधिकारी तथा नामित नोडल अधिकारी से संपर्क करने की आवश्यकता होती है.

कैसे मिलेगा ज्यादा किसानों को लाभ?

केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि योजना में ज्यादा से ज्यादा पात्र किसानों को शामिल करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं.

(i) राज्यों को पीएम-किसान योजना के दायरे में पात्र लाभार्थियों को लाने के लिए जागरूकता अभियान और रजिस्ट्रेशन कैंप आयोजित करने की सलाह दी गई है.

(ii) पीएम-किसान पोर्टल में एक विशेष सुविधा, “फार्मर्स कॉर्नर” की दी गई है. जिसके माध्यम से किसान अपना रजिस्ट्रेशन खुद कर सकते हैं.

(iii) पोर्टल में फार्मर्स कॉर्नर के माध्यम से अपने आधार डेटाबेस के अनुसार पीएम-किसान डेटाबेस में अपना नाम एडिट भी कर सकते हैं.

(iv) पोर्टल में फार्मर्स कॉर्नर के माध्यम से भी अपने भुगतान की स्थिति जान सकते हैं. लाभार्थियों का ग्रामवार विवरण भी इस कॉर्नर पर उपलब्ध है.

(v) किसान भाई-बहन, पीएम-किसान योजना के तहत खुद को नामांकित करने के लिए सीएससी के ग्राम स्तरीय उद्यमी (वीएलई) से संपर्क कर सकते हैं. इनके जरिए भी सुविधाओं का लाभ उठाया जा सकता है.

(vi) पीएम किसान का एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया गया है, इसमें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम के पोर्टल पर फार्मर्स कॉर्नर पर उपलब्ध सुविधाएं भी मिलती हैं.

कंडीशन अप्लाई, इसलिए कम हैं लाभार्थी

वैसे तो पीएम किसान निधि सभी किसानों के लिए लागू की गई थी, लेकिन कुछ कंडीशन भी अप्लाई किए गए हैं, जिनकी वजह से काफी किसान इससे वंचित हैं. कुछ को फार्म भरने में गलती होने की वजह से पैसा नहीं मिल रहा है.

>>आप खेती करते हैं लेकिन भूतपूर्व या वर्तमान में संवैधानिक पद धारक हैं तो आपको पैसा नहीं मिलेगा. मंत्री, पूर्व मंत्री, मेयर, विधायक, एमएलसी, सांसद और या जिला पंचायत अध्यक्ष को पैसा नहीं मिलेगा.
>>इसी तरह केंद्र या राज्य सरकार में अधिकाारियों को इसके दायरे से बाहर रखा गया है. भले ही वो खेती का काम भी क्यों न करते हों.
>>खेती करने वाले पेशेवर, डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, वकील, आर्किटेक्ट को लाभ नहीं मिलेगा.

>>इसी तरह 10 हजार रुपये से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को लाभ नहीं मिलेगा. इनकम टैक्स का भुगतान करने वाले किसान भी इस लाभ से वंचित होंगे.