क्या कैप्टन अमरिंदर सिंह नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस चीफ बनने पर बधाई देंगे।

Parmod Kumar

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  • पंजाब कांग्रेस के लंबे विवाद के बीच नवजोत सिंह सिद्धू को तत्काल रूप से प्रदेश अध्यक्ष घोषित हुए
  • कांग्रेस आलाकमान ने अमरिंदर सिंह के बजाय सिद्धू को तरजीह दी जो कैप्टन खेमे को नागवार गुजरी
  • सबकी नजरें कैप्टन अमरिंदर सिंह के रुख पर है कि क्या वह सिद्धू को उनके प्रमोशन के लिए बधाई देंगे
चंडीगढ़
पंजाब कांग्रेस के लंबे विवाद के बीच हाईकमान ने नवजोत सिंह सिद्धू को तत्काल रूप से प्रदेश अध्यक्ष घोषित कर दिया। सिद्धू के साथ चार कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्त किए गए हैं। हालांकि सुलह कराने का हाईकमान का यह फॉर्म्युला उलझता नजर आ रहा है। कांग्रेस आलाकमान ने सीएम अमरिंदर सिंह के बजाय सिद्धू को तरजीह दी है जो कैप्टन खेमे को नागवार गुजरी है। अब सबकी नजरें कैप्टन के रुख पर है कि क्या वह सिद्धू को उनके प्रमोशन के लिए बधाई देंगे या फिर कोई ऐसा धमाका न कर दें जिससे हाई कमान की परेशानी और बढ़ जाए।

Navjot Singh Sidhu

‘कैप्टन को बधाई देनी चाहिए’
सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद विधायकों की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। शुतराना से कांग्रेस विधायक निर्मल सिंह शुतराना ने कहा, ‘हाईकमान ने जो फैसला लिया है वह 100 फीसदी सही है। कोई भी परेशान नहीं है। सब सही हो जाएगा।’ वहीं कैप्टन के सिद्धू को बधाई देने के सवाल पर निर्मल सिंह ने कहा कि उन्हें ऐसा करना चाहिए।

‘हाईकमान ने सोच समझकर फैसला लिया होगा’
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘हाईकमान ने सोच समझकर फैसला लिया होगा। वह नौजवान हैं और सक्रिय सांसद रहे हैं। उनमें काम करने का जोश है इसलिए हम इसका स्वागत करते हैं।’ पंजाब विवाद के निपटारे के लिए गठित की गई तीन सदस्यीय पैनल का नेतृत्व खड़गे ने ही किया था।

वहीं कार्यकारी अध्यक्ष चुने गए सुखविंदर सिंह डैनी ने कहा, ‘कांग्रेस बड़ा परिवार है। परिवार में अक्सर कलह होती है। मुझे पूरा विश्वास है कि 2022 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पूरी ताकत से लड़ेगी और बहुमत के साथ सरकार बनाएगी।’

कैप्टन के गढ़ में विधायकों से मिले सिद्धू
इससे पहले रविवार को नवजोत सिद्धू कैप्टन अमरिंदर सिंह के गढ़ पटियाला पहुंचे थे। यहां उन्होंने शुतराना से विधायक निर्मल सिंह शुतराना से मुलाकात की थी। बाद में वह राजपुरा के विधायक मदन जलालपुर के घर पहुंचे और कई नेताओं-विधायकों से भी मिले। सिद्धू ने पंजाब के दलित नेता और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष शमशेर सिंह दूलों से भी मुलाकात की। दूलों कैप्टन अमरिंदर सिंह के विरोधी हैं।

सिद्धू पिछले दो दिनों से सभी की नब्ज टटोलते हुए अमरिंदर विरोधियों को एकजुट कर रहे हैं। जिसमें उन्हें कामयाबी भी मिल रही है। सिद्धू खेमे ने कम से कम 30 विधायकों के साथ उनकी तस्वीरें भी जारी की, जिनसे वह शनिवार को मिले थे।

अब क्या होगा कैप्टन का रुख?
सिद्धू के प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त होने के साथ ही बधाई देने का सिलसिला भी शुरू हो गया है लेकिन उनके धुर विरोधी कैप्टन अमरिंदर सिंह का रुख क्या होगा, इस पर सबकी नजरें हैं। शनिवार को ही कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत से मुलाकात के बाद कैप्टन ने कहा था कि वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के किसी भी फैसले का स्वागत करेंगे।

हालांकि इस दौरान दोनों नेताओं के बीच ‘ऑल इज वेल’ मोमेंट क्रिएट करने में रावत असफल रह गए। कैप्टन ने स्पष्ट रूप से कह दिया कि जब तक सिद्धू उनके खिलाफ किए गए ‘अपमानजनक’ ट्वीट को लेकर सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांग लेते हैं तब तक वह उनसे मुलाकात नहीं करेंगे।

10 MLA का खत, कैप्टन को कमजोर न करें
अमरिंदर खेमे के 10 विधायकों ने हाईकमान को पत्र लिखकर कहा है कि कैप्टन को कमजोर न किया जाए। उनके प्रयासों से पंजाब में कांग्रेस जमी हुई है। इनमें आप से कांग्रेस में शामिल हुए सुखपाल खैरा भी शामिल थे। इन विधायकों ने कैप्टन की सिद्धू से माफी की मांग का भी समर्थन किया।