गेहूं उत्पादन का पिछला रिकॉर्ड फसल वर्ष 2020-21 में 10 करोड़ 95.9 लाख टन था. गेहूं एक प्रमुख रबी फसल है. कृषि मंत्रालय द्वारा जारी खाद्यान्न उत्पादन के दूसरे अनुमान के अनुसार, फसल वर्ष 2022-23 में गेहूं का उत्पादन 11 करोड़ 21.8 लाख रहने का अनुमान है.
महंगाई की मार झेल रहे लोगों के लिए राहतभरी खबर है. फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) में देश का गेहूं उत्पादन 11 करोड़ 21.8 लाख टन के नए रिकॉर्डस्तर पर पहुंचने की उम्मीद है. कृषि मंत्रालय के ताजा अनुमान में यह राय व्यक्त की गई है. कुछ राज्यों में गर्मी की लू के कारण पिछले वर्ष गेहूं का उत्पादन मामूली रूप से घटकर 10 करोड़ 77.4 लाख टन रह गया था.
गेहूं उत्पादन का पिछला रिकॉर्ड फसल वर्ष 2020-21 में 10 करोड़ 95.9 लाख टन था. गेहूं एक प्रमुख रबी फसल है. कृषि मंत्रालय द्वारा जारी खाद्यान्न उत्पादन के दूसरे अनुमान के अनुसार, फसल वर्ष 2022-23 में गेहूं का उत्पादन 11 करोड़ 21.8 लाख रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 44 लाख टन अधिक है. फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) के रबी सत्र में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में गेहूं की फसल का कुल रकबा 1.39 लाख हेक्टेयर बढ़कर 343.23 लाख हेक्टेयर (हेक्टेयर) हो गया है, लेकिन मौसम की अच्छी स्थिति के कारण फसल की पैदावार बेहतर होने की उम्मीद है. देश के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में से एक मध्य प्रदेश में गेहूं की मंडियों में आवक शुरू हो चुकी है. फसल वर्ष 2022-23 में कुल खाद्यान्न उत्पादन भी 32 करोड़ 35.5 लाख टन के रिकॉर्ड को छूने की उम्मीद है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 79.3 लाख टन अधिक होगा.
बता दें कि अभी गेहूं और आटा काफी महंगा हो गया है. ऐसे में गरीबों की थाली से रोटी गायब हो गई है. लेकिन गेहूं उत्पादन के संभावित आंकड़े देखकर लोगों ने राहत की सांस ली है. वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इस वर्ष गेहूं का उत्पादन बंपर हुआ तो आने वाले दिनों में आटे की कीमत में गिरावट आएगी.