उत्तर प्रदेश में विधान परिषद चुनाव की राजनीति गरमा रही है। एक तरफ भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी समीकरणों को साधते हुए उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारने का फैसला लिया है। वहीं, समाजवादी पार्टी ने अब तक अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं किया है। इसका कारण राज्यसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी की रणनीति का फेल होना माना जा रहा है। सपा ने पहले ही राज्यसभा चुनाव के लिए तीन उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया था। भाजपा ने आखिरी समय में संजय सेठ को चुनावी मैदान में उतार कर सपा के पीडीए पॉलिटिक्स पर सवाल खड़ा कर दिया। अब देखना होगा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव यूपी एमएलसी चुनाव में सहयोगी को साधने और पीडीए राजनीति को यूपी की जमीन पर स्थापित करने में सफल होते हैं, या फिर एक बार और उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
यूपी की 13 एमएलसी सीटों के लिए आज नामांकन की प्रक्रिया को पूरा कराया जाएगा। भाजपा अपने 10 और सपा अपने तीन उम्मीदवारों का नामांकन कराएगी। अगर भाजपा ने 11वां उम्मीदवार उतारा तो फिर चुनाव की नौबत आ सकती है। ऐसे में भाजपा की रणनीति पर हर किसी की नजर रहेगी। समाजवादी पार्टी ने नामांकन दाखिल करने की समय सीमा से एक दिन पहले रविवार देर रात तक अपने उम्मीदवारों के नामों की औपचारिक घोषणा नहीं करने का फैसला किया। चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख आज है। 13 एमएलसी की बनाई गई रिक्तियों के लिए चुनाव होने हैं, जिनका कार्यकाल 5 मई को समाप्त होगा।