World Pneumonia Day 2024 – हर साल विश्व निमोनिया दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य ही लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना है। 2 नवंबर को क्यों मनाया जाता है

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12 नवंबर को क्यों मनाया जाता है विश्व निमोनिया दिवस, जानें इसका इतिहास और इस साल की थीम
12 नवंबर को क्यों मनाया जाता है विश्व निमोनिया दिवस, जानें इसका इतिहास और इस साल की थीम

निमोनिया एक गंभीर बीमारी है। यूं तो निमोनिया ज्यादातर छोटे बच्चों को होता है, लेकिन यह बीमारी किसी को भी हो सकता है। निमोनिया के कारण फेफड़ों में इंफेक्शन हो जाता है। इस बीमारी में सांस लेने में परेशानी देखी जाती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो निमोनिया एक ऐसी बीमारी है, जिसका इलाज समय रहते न किया जाए, तो यह गंभीर रूप ले सकती है। निमोनिया के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस मनाया जाता है।

इस खास मौके पर वैश्विक स्तर पर कई तरह के कार्यक्रम,  हेल्थ कैंप और सेमिनार भी किए जाते हैं। विश्व निमोनिया दिवस के मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं, इस दिन का इतिहास, थीम और निमोनिया के लक्षणों के बारे में, ताकि आप इसके प्रति जागरूक हों और निमोनिया से बचाव कर सकें।

विश्व निमोनिया दिवस 2024 की थीम- Theme of World Pneumonia Day 2024

2024 में विश्व निमोनिया दिवस का थीम है “हर सांस मायने रखती है: निमोनिया को उसके रास्ते में ही रोकें” रखी गई है। विश्व निमोनिया दिवस को इस थीम पर मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को हर सांस कितनी जरूरी है, इसके प्रति जागरूक करना है। यह थीम प्रत्येक सांस के महत्वपूर्ण महत्व पर जोर देती है और निमोनिया का समय पर पता लगाने, प्रभावी उपचार और उपायों के माध्यम से निमोनिया से निपटने की तत्काल आवश्यकता पर जोर डालती है।

What is pneumonia?निमोनिया  श्वास से जुड़ी एक गंभीर समस्या है। निमोनिया में फेफड़ों में इंफेक्शन हो जाता है। फेफड़ों में इंफेक्शन के कारण निमोनिया से पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी और दर्द की समस्या देखी जाती है। इतना ही नहीं गंभीर मामलों में निमोनिया के कारण फेफड़ों में पानी भी भर सकता है, जिसका इलाज समय रहते न किया जाए, तो यह मौत का कारण बन सकता है।

What are the symptoms of pneumonia?

निमोनिया का इलाज इसके लक्षणों  पर निर्भर करता है। निमोनिया के आम लक्षण नीचे बताए गए हैं:

  • सांस लेते या खांसते समय सीने में दर्द होना
  • थकान
  • बुखार, पसीना आना और ठंड लगना
  • सामान्य से कम शारीरिक तापमान
  • मतली, उल्टी या दस्त
  • सांस लेने में कठिनाई
  •  नवजात शिशुओं में ऊपर बताए गए लक्षण नजर आते हैं, तो तुरंत अपने बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ से बात करें।