तकरार : मनोहर लाल को घेरने के मामले में अकालियों पर होगी एफआईआर, विस अध्यक्ष ने मांगी रिपोर्ट 

Parmod Kumar

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हरियाणा में विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के घेराव की कोशिश और हंगामा करने का मामला
हरियाणा विधानसभा सचिवालय पंजाब के अकाली विधायकों के खिलाफ दर्ज करवाएगा एफआईआर
विस अध्यक्ष ने पंजाब, हरियाणा और यूटी के अधिकारियों की उच्चस्तरीय संयुक्त कमेटी से 5 दिन में मांगी रिपोर्ट  चंडीगढ़ में सीएम मनोहर लाल के खिलाफ प्रदर्शन करते अकाली नेता बिक्रम मजीठिया। हरियाणा में विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के घेराव की कोशिश और हंगामा करने के मामले में हरियाणा विधानसभा सचिवालय पंजाब के अकाली विधायकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाएगा। विस अध्यक्ष ने इस मामले की जांच के लिए पंजाब, हरियाणा और यूटी के अधिकारियों की उच्चस्तरीय संयुक्त कमेटी से 5 दिन में रिपोर्ट मांगी है। चर्चा है कि इस दौरान सुरक्षा में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है। इस मामले पर 15 मार्च को हरियाणा विधानसभा के सदन में भी चर्चा होगी। मामले की जांच के लिए हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने शुक्रवार शाम को विस सचिवालय में हरियाणा गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा, प्रधान सचिव अरुण गुप्ता, पुलिस महानिदेशक मनोज यादव समेत पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों समेत विस उपाध्यक्ष रणवीर गंगवा, सचिव राजेंद्र नांदल व हरियाणा, पंजाब और यूटी चंडीगढ़ के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान 10 मार्च की घटना का विस्तृत ब्यौरा लिया गया। बैठक में खुलासा हुआ कि पंजाब के विधायकों की पूर्व नियोजित तैयारी थी। बैठक में मौजूद पंजाब विधानसभा के अधिकारियों ने जानकारी दी कि उनके यहां उस दिन बजट सत्र का अंतिम दिन था, जिसकी कार्यवाही 3.30 बजे संपन्न हो गई थी। बजट सत्र की कार्यवाही संपन्न होने के बाद विधायक परिसर में ही रुके रहे। हंगामे की भनक हरियाणा विस के सुरक्षा कर्मियों को लग गई थी। एहतियात के तौर पर सदन की तरफ आने वाले रैंप के रास्ते में सुरक्षा बढ़ा दी थी। इस दौरान पंजाब के विधायक अपने वाहनों में जाकर बैठ गए। योजना के अनुसार वे वाहनों से तभी निकले जब शाम 6.30 बजे मुख्यमंत्री मनोहर लाल अध्यक्ष गेट पर मीडिया से बात कर रहे थे। अध्यक्ष ने सीआईडी विंग के अधिकारियों को लगाई फटकार
विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने बैठक में उपस्थित सीआईडी विंग के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि वे मामले की संवेदनशीलता को नहीं समझ पाए। उन्हें समय रहते इस संबंध में सूचना देनी चाहिए थी, जिससे कि मुख्यमंत्री की प्रेस ब्रीफिंग के लिए उचित प्रबंध किए जा सकते। पुलिस अधिकारियों ने विधानसभा अध्यक्ष को जानकारी दी कि विधान भवन में 7 ऐसे रास्ते हैं, जो पंजाब और हरियाणा के क्षेत्रों को आपस में जोड़ते हैं। ऐसे में दोनों विधान मंडलों के सदस्यों को एक-दूसरे के यहां आने-जाने के लिए रोकना कठिन है। विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने भविष्य के सत्रों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाने के निर्देश दिए हैं। 10 मार्च को विधानसभा परिसर में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल मीडिया से बात कर रहे थे, इसी दौरान पंजाब के अकाली दल विधायकों ने उनके घेराव का प्रयास किया। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने इस घटनाक्रम पर कड़ी आपत्ति जताते हुए तुरंत पंजाब के विधान सभा अध्यक्ष राणा केपी सिंह से बात की थी। गुप्ता ने पंजाब में अपने समकक्ष को पत्र लिख कर इस मामले में कड़ा संज्ञान लेने का भी आग्रह किया था। इस पर राणा केपी सिंह ने खेद व्यक्त करते हुए भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कठोर कदम उठाने का आश्वासन दिया था।