कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश में करोड़ों लोगों को नौकरी खोनी पड़ी हैं। कोरोना लॉकडाउन की वजह से भारतीय लोगों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ हैं। लॉकडाउन हटने की वजह से कंपनियों और फैक्ट्रियों में काम फिर शुरू हो गया है, लेकिन प्रवासी और दिहाड़ी मजदूरों को नौकरी के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में Shramik Bandhu App प्रवासी और दिहाड़ी मजदूरों को रोजगार ढूंढने में मदद करेगा। इसमें कारपेंटर, इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, मैसन, डोमेस्टिक हेल्प, माली और ड्राइवर शामिल हैं। दिल्ली के उद्यमी और प्रकृति ई-मोबिलिटी के सह-संस्थापक विकास बंसल ने पृषिटेक के डायरेक्टर शैलेष डंगवाल के साथ मिलकर CSR गतिविधि के तहत केध के कुशल और अकुशल श्रमिकों के लिए श्रमिक बंधु ऐप लॉन्च किया है। यह ऐप निर्माण कार्य, अस्पताल, कपड़ा, चमड़ा, विद्युत स्टील और ऑटोमोबाइल सेक्टरों के लिए कई श्रेणियों में रोजगार दिलाने में मदद करेगा। इसमें कुशल श्रमिकों में इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, कारपेंटर, मैसन, डोमेस्टिक हेल्प, माली और ड्राइवर शामिल है। इस App के जरिए प्रवासी मजदूरों और वर्कर्स को अपने-अपने क्षेत्रों में रोजगार पाने में मदद मिलेगी। विकास बंसल पहे ही अपने मौजूदा वेंचर्स में करीब 1000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से नौकरी दे चुके हैं। विकास बंसल ने कहा, यह ऐप कर्मचारियों और नियोक्ताओं के लिए नि:शुल्क मार्केटप्लेस होगा, जहां वे अपनी जरूरत, लोकेशन और अनुभव के आधार पर नौकरी खोज सकेंगे या जरूरतमंदों को रोजगार दे सकेंगे। श्रमिकों को इस ऐप पर अपना नाम, फोन नंबर, जन्म दिनांक, आधार नंबर और वैरिफिकेशन विवरण (राशन कार्ड/वोटर आईडी/लाइसेंस नंबर) देना होगा। वे इसके साथ टेक्स्ट या वीडियो के रूप में अपने कौशल के बारे में जानकारी दे सकते हैं। नियोक्ता इसमें से अपनी जरूरत के आधार पर उनको नियुक्त कर सकते हैं। इस ऐप को गूगल ऐप स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। यह हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा में उपलब्ध है।